ग्वालियर।  अखिल भारतीय खंगार क्षत्रिय समाज के तत्वावधान में पूज्यपाद महन्त श्री श्री 1008 वैदेहीशरण त्यागी जी   के परम  शिष्य श्री 108 महन्त धर्मशरण त्यागी महाराज के सानिध्य में पारीक्षत श्रीमती सोनम हुकुम सिंह परिहार के द्वारा संत भूमि सितारवाली बगिया नाट्य कला मंदिर गीता कालोनी लश्कर ग्वालियर में चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन मोहिनी एकादशी पर व्यास पीठ कथावाचक सुश्री साधवी मंदाकिनी राजे ने भक्ति रस की धारा बहाते हुए भगवान विष्णु जी के राम अवतार की कथा का प्रसंग विस्तार से बताया।

इसके पूर्व मोहनी एकादशी पर्व पर अश्वत्थ पीपल का विधि पूर्वक पूजन किया गया तथा भगवान श्रीराम की प्रतिमा को दूध जल से स्नान कराकर सुन्दर वस्त्रों से सुसज्जित विधि पूर्वक दीप धूप नैवेध्य से पूजन किया गया। सुश्री मंदाकिनी राजे ने इस अवसर पर कहा कि विष्णु के अवतारों का पूजन करने से शुभ सौभाग्य की प्राप्ति होती है तथा पापों का विनाश और दुखों का निवारण होता है उन्होने राजा बलि और भगवान विष्णु के पावन अवतार की कथा का प्रसंग भी सुनाया।

उन्होने कहा कि देवता और दानव दोनों ही कामना रखते है। देवता भगवान की आराधना से प्राप्त फल और दानव छीनकर लेने में विश्वास करते हैं हमें देवताओं के मार्ग पर चलने का प्रयत्न करना चाहिए। उन्होने भगवान की महत्ता बताते हुए कहा कि मनुष्य जब छोटे से बडा हो जाता है तो फिर से छोटा नहीं बनना चाहता परन्तु भगवान बडे होकर भी छोटे छोटे बन जाते हैं। अंत में उन्होने कहा कि मनुष्य पुरूषार्थ से धन संपदा तो प्राप्त कर सकता है। परन्तु ईश्वर की कृपा बिना उसका सुख प्राप्त नहीं कर सकता।

भजन आरती उपरांत उपस्थित भक्त जनों को फलों एवं मेवों का प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर धर्मशरण त्यागी जी महाराज, राव गोपाल सिंह खंगार, जिला संयोजक डॉ. राकेश सिंह परिहार,बादाम सिंह, लाल सिंह सोनू, अमर सिंह एवं अन्य श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।