मध्य प्रदेश के महू से एक हृदयविदारक और शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। सोशल मीडिया पर सरकारी अस्पताल का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमे यह देखा जा रहा है कि एक कुत्ता अपने मुंह से नवजात बच्चे को दबा कर इधर-उधर चल रहा है। इस वीडियो ने सरकारी अस्पताल की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
कुत्ते ने नवजात को बनाया निवाला
आपको बता दें कि सुबह करीब 5:30 बजे अस्पताल परिसर में तब हड़कंप मच गया जब एक आवारा कुत्ता शौचालय से नवजात शिशु को अपने मुंह में दबाकर बाहर लाया। अस्पताल स्टाफ ने जैसे ही यह दृश्य देखा, कुत्ते को नवजात से छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। कुत्ता नवजात को घसीटता रहा और बाद में उसका शव दो टुकड़ों में बरामद हुआ।
17 साल की लड़की ने बच्चे को दिया जन्म
जानकारी के अनुसार, शनिवार देर रात करीब 2:15 बजे एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंची थी। उसने ओपीडी की पर्ची कटवाकर डॉक्टर से परामर्श भी लिया था। डॉक्टर ने उसे भर्ती करने की सलाह दी थी, लेकिन किसी को बिना बताए वह लड़की सीधे शौचालय चली गई और वहीं बच्चे को जन्म देकर चुपचाप निकल गई।
अस्पताल को भनक तक नहीं लगी
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि अस्पताल प्रशासन को इस पूरे घटनाक्रम की भनक तक नहीं लगी। न तो किसी ने देखा कि लड़की शौचालय में गई और न ही किसी ने यह जाना कि उसने वहां बच्चा जन्म दिया। CCTV कैमरों की फुटेज की भी जांच की जा रही है ताकि लड़की की पहचान की जा सके। फिलहाल वह कौन थी, कहां से आई और कहां गई – इन सभी सवालों के जवाब अधूरे हैं।
प्रशासन पर सवाल, जांच की मांग तेज
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और नेताओं ने अस्पताल की लापरवाही पर नाराज़गी जताई है। सवाल उठ रहे हैं कि जब एक नाबालिग लड़की इतनी गंभीर स्थिति में अस्पताल आई थी, तो उसे अकेला क्यों छोड़ा गया? अस्पताल की सुरक्षा और मॉनिटरिंग व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
फिलहाल मामला जांच में
पुलिस और जिला प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं और मेडिकल स्टाफ से पूछताछ की जा रही है। नाबालिग लड़की की पहचान और उसकी पृष्ठभूमि पता लगाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही अस्पताल प्रबंधन से भी जवाब मांगा गया है कि इस तरह की गंभीर लापरवाही आखिर क्यों हुई। यह घटना सिर्फ एक लापरवाही नहीं, बल्कि पूरी व्यवस्था पर एक करारी चोट है। जिस जगह पर लोगों को सुरक्षा और देखभाल मिलनी चाहिए, वहीं जिंदगी की शुरुआत में ही एक मासूम को ऐसी दर्दनाक मौत मिलना मानवता के लिए एक गहरा धक्का है।