अशोकनगर। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के एक विधायक हरि बाबू राय ने अपने ही निजी सचिव (पीए) को रिश्वत लेते पकड़ा है। आरोपी पीए का नाम मनोज नामदेव है, जो कि अशोकनगर विधायक का निजी सचिव था। उसने स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ महिला सीएचओ का ट्रांसफर करवाने के एवज में 50 हजार रुपए की घूस मांगी थी। जिसके बाद महिला अधिकारी का भाई उसे 30 हजार रुपए पहले ही दे चुका था, इसके बाद गुरुवार को जब वह बाकी के 20 हजार रुपए देने आया तो विधायक को इस बात की जानकारी मिल गई और पूरे मामले का खुलासा हो गया।

विधायक के पीए ने गुना निवासी अंकित जाटव से रिश्वत की मांग की थी। जिसके बाद वह रकम देने के लिए आया था। इसी बीच आरोपी पीए मनोज नामदेव द्वारा घूस लेने की जानकारी किसी ने विधायक को फोन करके दे दी। ऐसे में जैसे ही युवक 20 हजार रुपए लेकर आया, विधायक हरि बाबू राय ने उसे अपने पास बुला लिया और पूछताछ करने लगे। उन्होंने अंकित से पूछा कि पैसे किस काम के लिए हैं और किसने मांगे हैं, तो युवक ने स्पष्ट रूप से पीए मनोज नामदेव का नाम बता दिया।

सके बाद विधायक ने मौके पर ही पीए मनोज को बुलवाया। शुरुआत में तो मनोज पैसे लेने से साफ मुकर गया, लेकिन जब युवक ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और सख्ती हुई, तो मनोज ने पैसे लेने की बात स्वीकार कर ली। अब विधायक हरि बाबू राय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने ही पीए पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर को लिखित शिकायत भेजी है। इसके साथ ही विधायक ने हस्तक्षेप करते हुए लिए गए पैसे भी वापस करा दिए।

मामले की जानकारी देते हुए विधायक हरि बाबू राय ने बताया कि अब तक मेरे पास कोई पीए नहीं था। कलेक्टर की ओर से दो-तीन दिन पहले ही मनोज नामदेव को मेरा पीए रखा गया था। दो दिन में ही रिश्वत लेने का मामला आ गया। अब इसके खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर को लेटर लिखा है। विधायक ने कहा कि मैं इसे वापस भेजना चाह रहा हूं। मैं साफ सुथरी छवि वाला व्यक्ति हूं। किसी से भी पैसे का मेरा कोई लेनदेन नहीं होता।