नई दिल्‍ली । केंद्र सरकार प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का दायरा बढ़ाने की तैयारी कर रही है। अब तक इस योजना में देश की टॉप- 500 कंपनियां शामिल हैं, लेकिन अब सरकार उन सभी कंपनियों को इसमें शामिल करने की योजना बना रही है, कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत काम करती हैं। इससे अधिक युवाओं को इंटर्नशिप का मौका मिलेगा।

इसके लिए मंत्रालय कैबिनेट के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इस योजना को अभी तक पायलट प्रोजेक्ट (प्रयोग के तौर पर) के रूप में लागू किया गया है। पहले चरण में 1.27 लाख और दूसरे चरण में 1.15 लाख इंटर्नशिप के प्रस्ताव दिए गए। दिसंबर 2024 से अब तक लगभग 28,000 छात्रों ने इन प्रस्ताव को स्वीकार किया, जिनमें से करीब 8,700 छात्रों ने इंटर्नशिप शुरू की है।

सीएसआर पोर्टल के अनुसार, वर्ष 2022-23 में 24,392 कंपनियां कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व संबंधी कार्यों में लगी हुई थीं। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत शुरू किए गए परीक्षण कार्यक्रम में पिछले तीन वर्षों के औसत सीएसआर व्यय के आधार पर भाग लेने के लिए शीर्ष 500 कंपनियां ही पात्र हैं।

ये कंपनियां प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना में शामिल होने के लिए आपूर्तिकर्ताओं, ग्राहकों और विक्रेताओं के साथ गठजोड़ भी कर सकती हैं। फिलहाल सरकार ने इस योजना को स्वैच्छिक बनाया है यानी कंपनियां अपनी स्वेच्छा से इस योजना को अपना सकती हैं। अन्य कंपनियों को इस परियोजना में भागीदार बनने के लिए कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय से अनुमति लेना आवश्यक है।

योजना में बदलाव की संभावना

इसके साथ ही इस योजना में शामिल होने की उम्र सीमा को भी कम किया जा सकता है। अभी यह योजना 21 से 24 साल के युवाओं के लिए है, लेकिन अब औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) और पॉलिटेक्निक से पास होने वाले युवाओं को भी मौका दिया जाएगा। इससे ज्यादा से ज्यादा युवाओं को कौशल विकास का फायदा मिलेगा। योजना के दूसरे चरण के लिए आवेदन अप्रैल 2025 तक मांगे गए थे।

क्या है यह योजना

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का उद्देश्य छात्रों को कंपनियों में प्रशिक्षण (इंटर्नशिप) के अवसर देना है ताकि वे पढ़ाई के साथ-साथ काम का अनुभव भी हासिल कर सकें। इससे उन्हें भविष्य में नौकरी पाने में आसानी होगी। इस योजना के तहत कंपनियां युवाओं को कुछ समय के लिए काम पर रखती हैं और उन्हें स्टाइपेंड भी दिया जाता है। जिन क्षेत्रों में छात्रों को मौका मिलता है, उनमें तेल, गैस, ऊर्जा, ट्रैवल, हॉस्पिटैलिटी, ऑटोमोटिव और बैंकिंग जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

इसके फायदे

– छात्रों को पढ़ाई के साथ कामकाज का अनुभव मिलता है।

– हर महीने ₹5,000 की स्टाइपेंड मिलता है।

एकमुश्त ₹6,000 की वित्तीय सहायता मिलती है।

– जीवन बीमा एवं दुर्घटना बीमा का कवरेज मिलता है।

– कुछ कंपनियां अतिरिक्त बीमा भी देती हैं।