जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आज शुक्रवार 18 अगस्त को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 2 आईएएस को सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोनों ही अधिकारियों पर जुर्माना भी लगाया है. मामला अदालत की अवमानना करने से जुड़ा हुआ है. कोर्ट ने दोनों ही अधिकारियों को सजा सुनाने के बाद कोर्ट रूम से ही दोनों को पुलिस कस्टडी में दे दिया.
यह है पूरा मामला
वर्ष 2021 में जिला समन्वयक रचना द्विवेदी को नियम विरुद्ध छतरपुर से बड़ा मलहरा भेज दिया गया था. जिसको लेकर वह कोर्ट की शरण में चली गई. तत्कालीन छतरपुर कलेक्टर रहे शिलेन्द्र सिंह ने स्थानांतरण आदेश के बाद रचना को सेवा से बर्खास्त कर दिया. हाईकोर्ट के जस्टिस जी.एस अहलूवालिया की कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां दोनों आईएएस भी उपस्थित हुए.
याचिकाकर्ता के वकील डी.के त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया कि छतरपुर जनपद में पदस्थ रचना द्विवेदी का बड़ा मलहरा ट्रांसफर कर दिया गया था. जिसे कि उसने कोर्ट में चैलेंज किया. जिस पर कोर्ट से उन्हें स्थगन आदेश मिल गया. कोर्ट के आदेश के बाद भी रचना से फिर बड़ा मलहरा जाने को कहा गया. जिस पर भी कोर्ट का स्टे मिल गया. दुर्भावनावश रचना द्विवेदी की सेवा समाप्त कर दी गई, जबकि कोर्ट का ऑर्डर उसके पक्ष में था. हाईकोर्ट ने रचना द्विवेदी का टर्मिनेशन पर भी स्टे दे दिया.
टर्मिनेशन पर स्टे मिलने के बाद याचिकाकर्ता रचना द्विवेदी लगातार जिला पंचायत सीईओ अमर बहादुर सिंह और कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के ऑफिस के चक्कर काटते हुए बार-बार आवेदन देते हुए बताया कि हाईकोर्ट से स्टे है और उसे ज्वाइन करवाया जाए. दोनों ही अधिकारियों ने हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए उसे ज्वाइन नहीं करवाया. इतना ही नहीं हाईकोर्ट से लीगल नोटिस भी तत्कालीन कलेक्टर और तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ को भेजा गया. इसके बावजूद भी रचना द्विवेदी को राहत नहीं दी गई.
2 अगस्त 2023 को एक बार पुन: हाईकोर्ट में रचना द्विवेदी केस की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि दोनों ही अधिकारी लगातार हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं. कोर्ट ने सजा के प्रश्न पर भी सुनवाई की और कहा कि याचिकाकर्ता की जितनी भी सैलरी बन रही है, उसे मिलनी चाहिए, क्योंकि वह सेवा देने को तैयार थी, पर सरकार उसकी सेवा नहीं ले रही थी और इसके बीच आप दोनों अधिकारी थे. कोर्ट ने दोनों ही पक्षों से आपस में बात करने को भी कहा, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला.
आज शुक्रवार को इस मामले में जस्टिस जी.एस अहलूवालिया की कोर्ट ने सुनवाई की और तत्कालीन छतरपुर कलेक्टर शिलेन्द्र सिंह और तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ अमर बहादुर सिंह को 7 दिन की कैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने दोनों ही अधिकारियों पर 50-50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया.