भोपाल।  मध्यप्रदेश में गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य संस्थाओं में जाँच और देखभाल करवाने वाली गर्भवती माताओं की संख्या में पिछले 5 वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। यह तथ्य नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 (2015) और नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (2020-21) के तुलनात्मक आंकड़ों से स्पष्ट हुआ है।

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे -5 के प्रतिवेदन में बताया गया है कि गर्भवती महिलाओं में से 75 प्रतिशत ऐसी महिलाएँ हैं, जिनकी गर्भावस्था के प्रथम त्रैमास में स्वास्थ्य संस्था पर जाँच और देखभाल की गई। वर्ष 2015 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 में ऐसी महिलाओं की संख्या 53 प्रतिशत थी। सर्वे-5 के प्रतिवेदन में यह भी बताया गया है कि गर्भवती माताओं में से आधे से अधिक (58 प्रतिशत) ने प्रसव के पहले 4 अथवा 4 से अधिक बार स्वास्थ्य संस्थाओं में जाँच और देखभाल की सुविधा प्राप्त की। ऐसा करने वाली शहरी महिलाओं की संख्या ग्रामीण महिलाओं की तुलना में अधिक रही।

प्रदेश में 91 प्रतिशत प्रसव स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ हुए। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 की तुलना में हेल्थ सर्वे-5 में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ हुए प्रसवों में वृद्धि 81 प्रतिशत से बढ़कर 91 प्रतिशत हुई है।