भोपाल। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बीच चल रही खींचतान सार्वजनिक तौर पर सामने आ गई है। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने नर्मदा घाटी विकास योजना की कुछ परियोजनाओं को सरकारी छूट दिए जाने पर जिस तरीके से खुलकर आपत्ति जताई, वो हैरान करने वाली थी। किन्तु उनके विरोध को दरकिनार करते हुए प्रस्ताव को पास कर दिया गया। यह देखकर मिश्रा नाराज होकर कैबिनेट बैठक छोड़कर चले गये।

  दरअसल, बुधवार की बैठक इस मायने में भी खास थी कि कोरोना के बाद पहली बार सारे मंत्री वल्लभ भवन में बैठक करने आए थे। इसके पहले कई महीने तक वर्चुअल कैबिनेट बैठक हो रही थी। बैठक में नर्मदा घाटी विकास योजना के 8800 करोड़ रुपये के दो प्रोजेक्ट को बजट से ज्यादा छूट देने का प्रस्ताव आया तो उसका विरोध गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ये कहकर किया कि इन परियोजनाओं में बांध नहीं बने हैं मगर पाइप पहले क्यों डाले जा रहे हैं। बैठक में मिश्रा ने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के 3 सिंचाई प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ के टेंडर बुलाने पर आपत्ति जताई। कोरोनाकाल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वित्तीय स्थिति को देखते हुए टेंडर बुलाना चाहिए। संक्रमण में अन्य विभाग के बजट में कटौती कर दी गई, तो फिर इन प्रोजेक्ट पर इतना बजट क्यों?  

गृह मंत्री इसे लेकर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस से सवाल किए और नाराजगी जताई। मुख्य सचिव ने जवाब दिया कि नर्मदा जल बंटवारे के तहत 2024 तक ज्यादा से ज्यादा पानी मध्यप्रदेश को मिले, इसके लिए पाइप लाइन डालकर पानी को लिफ्ट करना जरूरी है।  नर्मदा घाटी विकास मंत्रालय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है और मीटिंग में उट की मौजूदगी में ही गृह मंत्री ने अपनी आपत्ति जताई।  मुख्य सचिव के जवाब के बाद भी नरोत्तम मिश्रा नहीं रुके। उन्होंने और भी कडे सवाल मुख्यसचिव से किये।

  बैठक में मुख्य सचिव के साथ हुई नोकझोंक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा नाराज हो गए थे। यही वजह है कि उन्होंने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देने के लिए प्रेस ब्रीफिंग नहीं की। सामान्य रूप से कैबिनेट बैठक के बाद मिश्रा ही प्रेस ब्रीफिंग किया करते थे। मिश्रा की आपत्ति के बाद भी  3 सिंचाई परियोजनाओं को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई, किन्त सात दूसरे प्रोजेक्ट पर नर्मदा नियंत्रण मंडल से मंजूरी के बाद फैसला लिया जाएगा। स्पष्ट है कि  गृह मंत्री की नाराजगी के चलते ये प्रोजेक्ट फिलहाल टालने पड़ गए।  

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