इंदौर। निकाय चुनाव में बीजेपी को बढ़त भले ही मिली हो, लेकिन पार्टी के दिग्गजों के इलाके में ही उसे हार का सामना करना पड़ा है। विशेष रुप से ग्वालियर नगर निगम में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ प्रदेश सरकार में मंत्री भारत सिंह कुशवाह की मौजूदगी में बीजेपी उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा है, माया सिंह, जयभान सिंह पवैया और अनूप मिश्रा भी चुनाव के दौरान कम ही सक्रिय दिखे थे।
यही हालात सांसद राकेश सिंह की भी रही, जबलपुर नगर निगम की कमान दो दशक से से बीजेपी के हाथ में थी, लेकिन इस बार यहां बड़ा उलटफेर हुआ और निगम पर कांग्रेस का कब्जा हुआ, यह भी तब हुआ, जब बीजेपी के सीनियर नेताओं का गृहक्षेत्र है। राकेश सिंह लगातार सांसद चुने गए हैं, पर महापौर नहीं जिता पाए। पूर्व मंत्री अजय विश्नोई और शरद जैन भी अपना असर नहीं दिखा पाए। जबलपुर और ग्वालियर में तो भाजपा को नए सिरे से एकजुटता दिखानी ही होगी, ग्वालियर के नतीजों से भाजपा में मुरैना नगर निगम को लेकर भी असमंजस की स्थिति बन गई है।
इंदौर कांग्रेस विधायकों के इलाकों से ही हारे शुक्ला..
इंदौर जैसी चर्चित सीट पर कांग्रेस का भी यही हाल रहा, इंदौर में महापौर प्रत्याशी संजय शुक्ला से बड़े नेता लगातार दूरी बनाए रहे। राऊ विधानसभा में वे 30 हजार वोटों से पीछे रहे। पूर्व विधायक अश्विन जोशी, सत्यनारायण पटेल और गोलू अग्निहोत्री के क्षेत्र में भी शुक्ला हारे। वहीं सज्जन वर्मा अपने घर में भी कांग्रेस को नहीं जिता पाए। यही हाल भोपाल नगर मिगम में भी रहा वहां का जिम्मा पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने संभाल रखा था, लेकिन वे भी कुछ कमाल नहीं दिखा पाए।