आज 500 साल का संघर्ष पूरा हो गया। अयोध्या में फिर से रामलला मंदिर में विराज चुके हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हाथों से रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की है। जैसे ही पीएम मोदी मंदिर परिसर में पहुंचे उनकी आंखें भर आई और वह भावुक हो गए। उन्होंने संभालने की बहुत कोशिश की लेकिन उनके चेहरे की भावुकता प्रकट हो गई।

नहीं संभाले संभली पीएम मोदी की भावुकता

प्रधानमंत्री मोदी वैसे तो आज 11:30 बजे अयोध्या मंदिर में पहुंच चुके थे लेकिन ठीक 12 बजे वहां हाथ में पूजन सामग्री लेकर मंदिर की तरफ बढ़ते दिखाई दिए। जैसे ही उनके कदम मंदिर परिसर की सीढ़िया पर पड़े पूरा देश टकटकी लगाए उन्हें देख रहा था। तभी अचानक पीएम मोदी का सिर झुक गया और वह भावुक नजर आए उन्होंने अपनी भावुकता बहुत संभालने की कोशिश की लेकिन उनकी आंखें भर आई। उन्हें शायद अयोध्या में लिया गया तीन दशक पुराना संकल्प याद आ रहा होगा।

तीन दशक पहले पीएम मोदी ने लिया था संकल्प

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 दशक पहले एक संकल्प लिया था। तब वह भाजपा के नेता की हैसियत से 14 जनवरी 1992 को रामलला के दर्शन करने पहुंचे थे। उन्होंने संकल्प लेते हुए कहा था कि वह अब रामलला के दरबार में तभी आएंगे जब मंदिर बन जाएगा आज उनका संकल्प पूरा हुआ और वह खुद भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के लिए यजमान बनकर मंदिर में पहुंचे हैं।

ऐसे में उन्होंने पहले से सिर झुकाया फिर अतिथियों से विपरीत दिशा में देखा। जैसे रामलला के मंदिर को निहार रहे हो या अपनी भावनाओं पर काबू रखना चाह रहे हो।