केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक नई टोल नीति की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य देशभर के यात्रियों को टोल भुगतान की प्रक्रिया में राहत प्रदान करना है। इस नई व्यवस्था से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि टोल आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला बोझ कम होगा। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

फास्ट टैग और कैमरे लगाए जाएंगे

आपको बता दें कि नई टोल नीति का मुख्य उद्देश्य टोल वसूली प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और तेज बनाना है। इसके तहत हर टोल बूथ पर फास्ट टैग और कैमरे लगाए जाएंगे। कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन करेंगे, जबकि फास्ट टैग से टोल की राशि स्वतः कट जाएगी। इससे न केवल टोल वसूली में तेजी आएगी, बल्कि लंबी कतारों से भी छुटकारा मिलेगा।

किलोमीटर आधारित टोल वसूली

इसके साथ ही नई नीति के तहत टोल की राशि वाहन द्वारा तय की गई दूरी के आधार पर होगी। अर्थात, जितनी दूरी वाहन तय करेगा, उतना ही टोल वसूला जाएगा। यह व्यवस्था यात्रियों के लिए अधिक न्यायसंगत और पारदर्शी होगी। नई व्यवस्था में टोल की राशि सीधे वाहन मालिक के बैंक अकाउंट से भी कट सकती है। इससे टोल भुगतान की प्रक्रिया और भी सरल और सुविधाजनक हो जाएगी।

UP में सबसे अधिक टोल वसूली

हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल से फरवरी की अवधि में उत्तर प्रदेश ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे अधिक 7,060 करोड़ रुपये का टोल वसूला। इसके बाद राजस्थान ने 5,967.13 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र ने 5,115.38 करोड़ रुपये का टोल वसूला। यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में दी थी।

पासप्रणाली पर विचार

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार टोल ‘पास’ प्रणाली पर भी विचार कर रही है। इस प्रणाली के तहत वाहन मालिकों को एक विशेष पास दिया जाएगा, जिससे टोल भुगतान की प्रक्रिया और भी सरल हो जाएगी। हालांकि, इस प्रणाली के विवरण पर अभी काम चल रहा है और इसके कार्यान्वयन के वित्तीय प्रभाव का मूल्यांकन किया जा रहा है।