इंदौर। लंबे इंतजार के बाद आखिर इंदौर नगर निगम को अपना खुद का परिषद सभागृह मिल ही गया। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने शुक्रवार को निगम मुख्यालय में निर्माणाधीन भवन में इस सभागृह का लोकार्पण किया। इसका सभागृह का नाम भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है।
परिषद सभागृह के लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राधिकरण की तर्ज पर नगर निगम भी योजनाएं ला सकेगा। स्थानीय निकाय को कुछ और अधिकार दिए जाएंगे ताकि वे स्वावलंबी बन सकें। अपने पैरों पर खड़ा हो सकें। क्यों सिर्फ प्राधिकरण ही निर्माण करेगा, कालोनी काटेगा, मार्केट बनाएगा। नगर निगम भी अपनी योजनाएं लाएं। स्वावलंबी बनें। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसीराम सिलावट, अन्य विधायकगण भी उपस्थित थे।
लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि परिषद सभागृह तो बन गया, लेकिन जिस भवन में यह सभागृह बना है वह अब भी अधूरा है। महापौर ने इस बारे में कोई मांग नहीं रखी, लेकिन बगैर मांगे भी मैं समझ गया हूं। मैं इसी मंच से इस अधूरे भवन को पूरा करने के लिए 50 करोड़ रुपये देने की घोषणा करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम परिषद जो काम करती है वह कोई और सदन नहीं कर सकता। केंद्र सरकार, राज्य सरकार निर्णय ले सकते हैं लेकिन उनका क्रियान्वयन तो स्थानीय निकाय ही करते हैं। निगम परिषद सब सदनों पर भारी है।
इंदौर की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर भाग्यशाली है। इसके एक तरफ बाबा महाकाल आशीर्वाद दे रहे हैं तो दूसरी तरफ ममलेश्वर का आशीर्वाद है। बहुत जल्दी इंदौर को कुछ और भी मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अहिल्याबाई को याद करते हुए कहा कि मुगल सत्ता के सामने पुनर्स्थापना का काम अगर किसी ने किया है तो अहिल्या माता ने किया है। उन्होंने पूरे देश में धर्म की पताका फहराई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर और उज्जैन के लिए बहुत जल्दी कुछ अच्छे काम घोषित होने वाले हैं। अब काम अच्छे हैं तो थोड़ा इंतजार तो करना पड़ेगा। हमारा लक्ष्य प्रदेश को देश में नंबर वन बनाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को सरकारी नौकरी नहीं दे सकते, लेकिन स्वावलंबी तो बना ही सकते हैं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अटल बिहारी वाजपेयी परिषद सभागृह की तारीफ करते हुए कहा कि इतना सुंदर भवन देखकर मुझे लग रहा है कि विधायक से वापस पार्षद बन जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जितना सुंदर यह सभागृह है, मेरी अपेक्षा है कि यहां उतनी ही सुंदर चर्चा होगी। सदन चर्चा का स्थान होता है। हंगामे का नहीं। जब मैं महापौर था तो लोग हमारे भाषण सुनने आते थे।
विजयवर्गीय ने कहा कि पार्षद राजनीति की पहली सीढ़ी है। यहां जितना अच्छा काम करेंगे उतना अच्छा। तुलसीराम सिलावट मेरे साथ पार्षद थे। हम उस वक्त के पार्षद आज कहां बैठे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हमने जिम्मेदारी से काम किया है। हम लोहे की कुर्सी-टेबल पर बैठते थे। आप इतने सुंदर सभागृह में बैठ रहे हैं। अपेक्षा है कि आप शहर को सुंदर बनाने के प्रस्ताव यहां से स्वीकृत करेंगे। मैं विश्वास दिलाता हूं कि नगर के विकास के लिए जो भी आवश्यता होगी मैं मदद करूंगा।
लोकार्पण कार्यक्रम से पहले शुक्रवार सुबह सभापति मुन्नालाल यादव ने सपत्निक सभागृह में पूजन भी किया। लोकार्पण कार्यक्रम में महापौर परिषद के सभी सदस्य, पूर्व विधायक, भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण सत्तन, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, भाजपा नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे, कांग्रेस शहर अध्यक्ष सुरजीतसिंह चड्ढा भी मौजूद थे।