भोपाल: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी और कांग्रेस गेहूं और धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी को लेकर आमने-सामने है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अल्टीमेटम दिया कि अगर धान और गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर नहीं की गई तो गांव गांव में आंदोलन होगा. दूसरी तरफ बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष को कहा है कि उन्हें प्रदेश के किसान की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. मध्य प्रदेश में किसानों की सरकार है और सरकार अपना एक-एक वादा पूरा करेगी.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बयान जारी करते हुए कहा, “बीजेपी सरकार ने चुनाव के पहले 2700 रुपए समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने का वादा किया था. सरकार ने अभी तक 2700 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी को लेकर कोई भी आदेश जारी नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार अपने एक वादे से भी पीछे हटेगी तो प्रदेश और शहरी नहीं बल्कि गांव गांव में आंदोलन होगा.”
प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की चेतावनी पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने कहा है कि उन्हें किसानों की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. प्रदेश प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने यह भी कहा कि कांग्रेस की लोकसभा चुनाव के पहले एक बार फिर बौखलाहट सामने आ रही है. अभी तक सरकार ने खरीदी शुरू नहीं की है. यदि सरकार अपने वादे के विपरीत जाकर एक दाना गेहूं भी खरीदती है, तब कांग्रेस को आरोप लगाने का अधिकार है. अभी से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को इतना उत्तेजित होने की कोई आवश्यकता नहीं है. सिसोदिया के मुताबिक सरकार अपना एक-एक वादा पूरा करेगी.
मध्य प्रदेश के सभी जिलों में किसानों की तरफ से अधिकांश गेहूं की फसल उगाई जाती है. गेहूं के समर्थन मूल्य को लेकर मध्य प्रदेश में लंबे समय से राजनीति हो रही है. इस बार कांग्रेस में विधानसभा चुनाव 2023 में ₹2600 क्विंटल के समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी का वादा किया था. दूसरी तरफ बीजेपी ने 2700 रुपए प्रति क्विंटल की खरीदी का वादा किया था. अब मध्य प्रदेश में जब बीजेपी की सरकार है तो कांग्रेस समर्थन मूल्य को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है.