भोपाल। 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले चित्रकूट में मोहन कैबिनेट की बैठक हो सकती है। इसको लेकर सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सरकार राम वन गमन पथ भी बना रही है। इस कार्य में गति लाने के निर्देश मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने संस्कृति विभाग को दिए हैं। ऐसे में चित्रकूट में होने वाली मोहन कैबिनेट में राम वन गमन पथ को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है।
इसके पहले 14 जनवरी को महाकाल की नगरी उज्जैन में कैबिनेट की बैठक प्रस्तावित है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने संभागीय समीक्षा के साथ कैबिनेट की बैठक अलग-अलग स्थानों पर करने के निर्देश दिए हैं। पहली औपचारिक कैबिनेट उज्जैन में प्रस्तावित थी, लेकिन फिर जबलपुर में की गई।
अब दूसरी कैबिनेट बैठक उज्जैन में और फिर चित्रकूट में प्रस्तावित है। बता दें कि मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित चित्रकूट सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्विक महत्व रखता है। चित्रकूट भगवान राम की कर्म भूमि भी रही है। किवदंतियां है कि भगवान राम ने वनवास के 11 वर्ष चित्रकूट मे बिताए थे। यही वजह है कि 22 जनवरी को भगवान रामलला के विराजमान होने से पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव चित्रकूट में कैबिनेट की बैठक कर प्रदेश की जनता को विकास की नई सौंगात देंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हो या उमा भारती अपने कार्यकाल में वे भी मध्य प्रदेश के धार्मिक नगरी में कैबिनेट कर चुके हैं। शिवराज ने हनुवंतियां, पचमढ़ी सहित कुछ अन्य धार्मिक स्थलों पर कैबिनेट की बैठक की है। इसी तरह उमा भारती भी कैबिनेट बैठक के लिए प्रदेश के धार्मिक स्थलों को महत्व दिया करती थी। अब मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव भी इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए चित्रकूट और उज्जैन में कैबिनेट की बैठक करेंगे।