इंदौर। दिव्यांग कोटे में जिला आबकारी अधिकारी के पद पर चुनी गईं प्रियंका कदम अपने एक कदम से विवादों में घिर गई हैं। उनके जमकर डांस करने का वीडियो वायरल होने के बाद बेरोजगार युवाओं के संगठन ने उसके चयन को लेकर सवाल उठाए हैं। इस संगठन ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की राज्य सेवा परीक्षा 2022 में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए मोहन यादव सरकार से जांच करने की मांग की है।

प्रियंका ने खुद को अस्थिबाधित बताया था। ‘नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन’ की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य राधे जाट ने कहा कि प्रियंका कदम खुद को अस्थिबाधित बताकर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2022 में विकलांग कोटा के तहत शामिल हुई थीं। इस परीक्षा के पिछले महीने घोषित परिणाम के मुताबिक, प्रियंका कदम का चयन जिला आबकारी अधिकारी के पद पर हुआ है।

राधे जाट ने कहा कि प्रियंका कदम के डांस करने के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं। इनमें उन्हें जमकर नाचते देखा जा सकता है। उन्होंने एमपीपीएससी की आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाए। उन्होंने मांग की कि इस परीक्षा में दिव्यांग कोटे से चयनित सभी उम्मीदवारों की भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जांच की जानी चाहिए।

राधे जाट ने कहा कि उम्मीदवारों की घोषित दिव्यांगता की एम्स के चिकित्सकों द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद ही उन्हें सरकारी नियुक्ति दी जानी चाहिए। सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों पर खबर लिखे जाने तक एमपीपीएससी की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है। इस बीच प्रियंका कदम ने कहा कि सिविल सेवा में मेरे चयन में गड़बड़ी के आरोप गलत हैं। मैं एक सामान्य पृष्ठभूमि से हूं। मैंने जीवन में अपने दम पर कड़ा संघर्ष करके मुकाम हासिल किया है।

राधे जाट ने कहा कि साल 2017 के दौरान जब वह दिल्ली में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएसएसी) की परीक्षा की तैयारी कर रही थीं, तब बाथरूम में गिरने से उन्हें कूल्हे की हड्डियों में गंभीर चोट लगी थी। एमआरआई जांच में उन्हें एवैस्कुलर नेक्रोसिस (एवीएन) नामक बीमारी होने के बारे में पता चला था जिसके बाद उनकी चार बार सर्जरी हो चुकी है। एवैस्कुलर नेक्रोसिस ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियों को रक्त की आपूर्ति में रुकावट के कारण मरीज की हड्डियों के ऊतक मरने लगते हैं।

प्रियंका कदम ने यह भी दावा किया कि इस समस्या के कारण उन्हें 45 प्रतिशत दिव्यांगता है। मैं किसी व्यक्ति को पहली नजर में एक आम महिला की तरह नजर आ सकती हूं, लेकिन जटिल सर्जरी के दौरान लगाए गए इम्प्लांट के कारण ही मैं चल-फिर पाती हूं। डॉक्टरों के सुझाव के मुताबिक, पांच से 10 मिनट तक नाच भी सकती हूं। हालांकि, मुझे कई बार दर्द निवारक दवाएं भी लेनी होती हैं।

प्रियंका कदम ने कहा कि मुझे डांस करने का बचपन से शौक है। मेरा मनोबल ऊंचा है। मैं खुद को पॉजिटिव रखने के लिए थोड़ा डांस कर लेती हूं। बता दें कि प्रियंका राज्य सरकार के कोष एवं लेखा विभाग के उज्जैन स्थित संभागीय कार्यालय में सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण अधिकारी के रूप में पदस्थ हैं। वह राज्य सेवा परीक्षा 2022 में जिला आबकारी अधिकारी के पद पर चुनी गई हैं, हालांकि प्रक्रिया जारी रहने के कारण उन्हें इस पद पर नियुक्ति नहीं मिली है।