क्रिकेट और राजनीति की इस नई जोड़ी रिंकू सिंह और प्रिया सरोज की सगाई आज लखनऊ के आलीशान सेंट्रम होटल में संपन्न हुई। इस समारोह में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, सांसद डिंपल यादव, अभिनेत्री और सांसद जया बच्चन, पूर्व क्रिकेटर प्रवीण कुमार समेत कई चर्चित चेहरे मौजूद रहे। जहां रिंकू सिंह ने क्रिकेट के मैदान पर अपने प्रदर्शन से देशभर में पहचान बनाई, वहीं प्रिया सरोज ने महज 25 साल की उम्र में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद में अपनी जगह बनाई। लेकिन इन दोनों की कमाई और संपत्ति में एक बड़ा अंतर है, जो लोगों की चर्चा का विषय बन गया है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
रिंकू सिंह, मैदान पर चमक और बैंलेंस शीट में दम
आपको बता दें कि आईपीएल 2024 में कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) ने रिंकू सिंह को 13 करोड़ रुपये में रिटेन किया, जो उनकी लोकप्रियता और परफॉर्मेंस को दर्शाता है। इससे पहले वह सिर्फ 55 लाख रुपये की सालाना फीस पर खेलते थे। बीसीसीआई से भी सालाना 1 करोड़ रुपये मिलते हैं, क्योंकि रिंकू को सी ग्रेड का केंद्रीय अनुबंध मिला है। विज्ञापनों से भी अच्छी खासी कमाई होती है। MRF सहित कई ब्रांड्स के प्रचार से रिंकू को सालाना लगभग 3 करोड़ रुपये की आमदनी होती है। अगर उनकी नेट वर्थ की बात करें तो लगभग 18 करोड़ रुपये, जिसमें एक आलीशान मकान, 3 एकड़ कृषि भूमि और गाड़ियां शामिल हैं।रिंकू सिंह की मासिक कमाई करीब 1.5 करोड़ रुपये आंकी गई है, जो उन्हें युवा क्रिकेटरों में सबसे अमीर खिलाड़ियों में शुमार करती है।
प्रिया सरोज, सादगी, संघर्ष और सेवा भाव
प्रिया सरोज ने 2024 के लोकसभा चुनाव में मछलीशहर सीट से 25 साल की उम्र में जीत दर्ज की, जो उन्हें सबसे युवा महिला सांसदों में से एक बनाता है। उनके चुनावी हलफनामे के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति मात्र 11.25 लाख रुपये है। न कोई कार, न खुद का घर, केवल 5 ग्राम सोना और सीमित बैंक बैलेंस के साथ उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। हालांकि, उनके पिता तूफानी सरोज, समाजवादी पार्टी से तीन बार सांसद और वर्तमान में विधायक हैं, जिनकी कुल संपत्ति 6.55 करोड़ रुपये है।
संपत्ति नहीं, सोच है मेल की वजह
रिंकू सिंह और प्रिया सरोज भले ही अलग-अलग सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमियों से आते हों, लेकिन दोनों की सोच, मेहनत और आत्मनिर्भरता उन्हें एक दूसरे के करीब लाई है। एक ओर रिंकू ने मिडिल क्लास परिवार से उठकर मेहनत से मुकाम बनाया, वहीं प्रिया ने राजनीतिक विरासत को सादगी से अपनाया। इनकी सगाई ये संदेश देती है कि सच्चे रिश्ते सिर्फ संपत्ति या प्रसिद्धि से नहीं, बल्कि विचार, सम्मान और समझ से बनते हैं। जहां रिंकू सिंह आर्थिक रूप से कहीं ज्यादा समृद्ध हैं, वहीं प्रिया सरोज का राजनीतिक अनुभव और सादगी उन्हें एक मजबूत सामाजिक प्रतिनिधि बनाता है। यह जोड़ी आज के युवाओं को यह प्रेरणा देती है कि चाहे पृष्ठभूमि कैसी भी हो, अगर सोच और उद्देश्य समान हो, तो हर रिश्ता खूबसूरत बन सकता है।