नई दिल्ली । पहलवानों का आंदोलन जल्द ही समाप्त हो सकता है। जी हां, गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के कुछ घंटे बाद पहलवान साक्षी मलिक रेलवे की अपनी नौकरी पर लौट गई हैं। इसके बाद यह खबर आने लगी कि साक्षी ने आंदोलन से नाम वापस ले लिया है। हालांकि कुछ देर में साक्षी मलिक ने ट्वीट कर कहा कि ये खबर बिल्कुल गलत है। उन्होंने लिखा, ‘इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए।’ उनके ट्वीट से साफ है कि वह प्रोटेस्ट के साथ अपनी नौकरी करेंगी। पहलवान साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने भी भारतीय रेलवे में ओएसडी (खेल) की अपनी नौकरी जॉइन कर ली है।

शनिवार देर रात दिल्ली में अमित शाह के घर पर पहलवान मिलने पहुंचे थे। आधी रात के बाद करीब 2 घंटे तक यह मीटिंग चली थी। संभावना जताई जा रही है कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया भी जल्द नौकरी पर लौट सकते हैं। पहलवानों ने गृह मंत्री के सामने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की थी।

हमने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, यह एक सामान्य बातचीत थी। हमारी केवल एक ही मांग है और वह है उन्हें (बृजभूषण सिंह) गिरफ्तार करना। मैं विरोध से पीछे नहीं हटी हूं, रेलवे में OSD के रूप में मैंने अपना काम फिर से शुरू कर दिया है। मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता तब तक हम विरोध करते रहेंगे। हम पीछे नहीं हटेंगे। उसने (नाबालिग लड़की) कोई प्राथमिकी वापस नहीं ली है, यह सब फर्जी है।

साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने बाद में मीडिया से कहा कि गृह मंत्री शाह के साथ पहलवानों की बैठक बेनतीजा रही क्योंकि वे जैसा जवाब चाहते थे, वैसा नहीं मिला। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ साक्षी, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत कई पहलवान कई हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं। नाबालिग पहलवान के केस करने के बाद पॉक्सो ऐक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। 28 मई को प्रोटेस्ट में नया मोड़ आया। जब नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस की धक्कामुक्की हुई। पहलवानों को हिरासत में लिया गया। कुछ समय बाद ही दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर से पहलवानों का सारा सामान हटवा दिया। बाद में पहलवान अपने मेडल गंगा नदी में प्रवाहित करने के लिए हरिद्वार पहुंच गए। वहां किसान नेताओं ने मनाया तो 5 दिन का अल्टीमेटम दिया गया। अब गृह मंत्री से मुलाकात के बाद घटनाक्रम बदल गया है।

इससे पहले कुरुक्षेत्र महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर 9 जून को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई, तो देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की जाएगी।

राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सोमवार को सरकार पर निशाना साधते हुए अंदेशा जताया कि भाजपा सांसद को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि एक ‘कमजोर’ आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा और उन्हें जमानत मिल जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में पहलवानों की पैरवी कर रहे सिब्बल का यह बयान तब आया जब पता चला कि महिला पहलवानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार देर शाम गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘अमित शाह ने पहलवानों के दल से मुलाकात की। समाधान के लिए कुश्ती। मेरा अंदेशा- कोई गिरफ्तारी नहीं होगी। कमजोर आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा। बृजभूषण शरण सिंह को जमानत मिल जाएगी। फिर वे कहेंगे कि मामला न्यायालय के विचाराधीन है।’