मध्यप्रदेश के कटनी जिले की ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत खामा के सरपंच सुशील कुमार पाल को लोकायुक्त पुलिस ने एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। पाल ने पिछले महीने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़ा और सरपंच पद पर जीत हासिल की थी। तीन दिन पहले ही उसने सरपंच पद की शपथ ली थी और अब खुद ही भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गया है।
लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक सरपंच सुशील पाल ने किसान आलोक कुमार पर अड़ी डाली कि वह अगर जमीन बेचेगा और पैसे नहीं देगा तो ग्राम पंचायत से उसकी रजिस्ट्री में मुश्किलें पैदा की जाएगी। आलोक की मां के नाम खामा में आठ एकड़ जमीन है। इसी जमीन को आलोक बेचना चाहता है। सरपंच ने प्रति एकड़ 50 हजार रुपये के हिसाब से चार लाख रुपये की मांग की थी। इसी सिलसिले में एक लाख रुपये की घूस लेकर आलोक सरपंच से मिला था। इससे पहले आलोक कुमार ने जबलपुर लोकायुक्त पुलिस को इसकी शिकायत की। तब लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरवड़े के निर्देश पर लोकायुक्त पुलिस की एक टीम ने ट्रैप की योजना बनाई। शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे के करीब सरपंच को पैसे लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा का पदाधिकारी है पाल
सरपंच सुशील कुमार पाल ढीमरखेड़ा मंडल में भाजपा के पिछड़ा वर्ग मोर्चा का मंडल अध्यक्ष भी है। उसने दो अगस्त को ही जनता के सामने पंचायत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की शपथ ली थी। सरपंच रिश्वत भी हक की तरह दादागिरी से वसूलना चाह रहा था।