भोपाल। उज्जैन के राजा बाबा महाकाल की नगरी में मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक आयोजित हुई। इसमें 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे और लोकार्पण की तैयारियों पर चर्चा और रणनीति बनाते हुए कई अहम फैसले लिए गए। इसमें लिए प्रमुख फैसले में यहां के कॉरिडोर का का नाम महाकाल कॉरिडोर की जगह महाकाल लोक  रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। 11 अक्टूबर को उज्जैन में स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है।

महाकाल की नगरी उज्जैन में एमपी कैबिनेट की बैठक हुई. यह सरकार सेवक के रूप में बैठक करती हुई नजर आयी. राजा के रूप में भगवान महाकाल शामिल हुए. उज्जैन में शिवराज सरकार ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई थी. महाकाल को उज्जैन का राजा माना जाता है. उन्हीं का राज यहां पर चलता है. जब शिवराज कैबिनेट की बैठक हुई तो महाकाल की तस्वीर को बीच में रखा गया. मुख्यमंत्री और मंत्री एक तरफ बैठे.

212 साल बाद ऐसा मौका
212 साल बाद यह ऐसा मौका था जब महाकाल के दरबार में राजा के रूप में दरबार को सजाया गया. सरकार महाकाल के साथ बैठक में शामिल हुई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा लगभग 212 साल बाद ऐसा पहली बार मौका आया है कि सरकार सेवक के रूप में उज्जैन में बैठक कर रही है. उज्जैन में हुई शिवराज कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया 850 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे महाकाल कॉरिडोर को महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा. सैद्धांतिक रूप से फैसला लिया गया है कि नर्मदा का जल क्षिप्रा में आएगा. फैक्ट्री का जो दूषित जल है उसे डायवर्ट करने का काम हो रहा है. क्षिप्रा नदी के किनारे रिवरफ्रंट भी विकसित होगा जिससे उज्जैन का अलग रूप निकलेगा. उन्होंने कहा यहां बाबा की सवारी निकलती है तो पुलिस बैंड भी निकलता है. अब यहां महाकाल पुलिस बैंड शुरू किया जाएगा, जिसका उपयोग त्यौहारों और पर्वों पर होगा.

36 नए पदों को भी मंजूरी दी जाएगी.

  • उज्जैन में आयोजित कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि
  • महाकाल महाराज ही सरकार हैं, यहां के राजा हैं, इसलिए आज महाकाल महाराज की धरती पर हम सभी सेवक बैठक कर रहे हैं.
  • यह ऐतिहासिक पल है हम सभी के लिए. हमने कल्पना की थी कि महाकाल महाराज के परिसर का विस्तार किया जाएगा
  •  हमने प्रारम्भिक चरण में नागरिकों से चर्चा की, मंदिर समिति के सदस्यों से चर्चा की और उनके सुझावों को लेकर ही हमने योजना बनाई.
  • एक साल में डीपीआर प्रस्तुत हुई, प्रथम चरण के टेंडर हमने चुनाव पूर्व 2018 में बुलाए.
  • हमने इसके दो चरण तय किये, प्रथम चरण 351 करोड़ रुपये का था, फिर हमने द्वितीय चरण के लिए 310 करोड़ रुपये स्वीकृत किये.
  • हमने कई मकान विस्थापित किये, उनको कष्ट न देते हुए 150 करोड़ रुपये की लागत से उन्हें विस्थापित किया
  • रुद्रसागर को हमने पुनर्जीवित किया है. इसमें क्षिप्रा नदी का पानी रहेगा.
  • मंदिर में लाइटिंग और साउंड सहित महाकाल पथ का निर्माण किया.
  • दूसरे चरण में भी कई यहां काम पूर्ण होने हैं.