ग्वालियर। जल्द ही मध्यप्रदेश में तीसरे विकल्प का पावर हब सिंगरौली में बनेगा। पहले से ही उर्जा का पावर हब बना सिंगरौली अब राजनैतिक क्षेत्र में तीसरे विकल्प का पावर हब बनेगा। इस राजनैतिक पावर हब की बुनियाद आप की नगरीय क्षेत्र में मेयर पद पर धमाकेदार एन्ट्री से पड़ी हैं।
अब आप सुप्रीमो जल्द ही सिंगरौली में तीसरे मोर्चे के रूप में विपक्षी नेताओं का सम्मेलन कराने पर विचार कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि आप सुप्रीमो इसके द्वारा पूरे मध्यप्रदेश में आप व अन्य विपक्षी दलों को आगे लाने के लिए यह प्लानिंग कर रहे हैं। अब उनका प्रयास इंदौर महानगर के साथ ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर, सागर व उज्जैन संभाग में आप की जड़े जमाने का है। आप के एकाएक मध्यप्रदेश में बढ़ते वोट प्रतिशत से पूरी आम आदमी पार्टी उत्साहित है। इसके लिए वह पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ संयुक्त दौरों की प्लानिंग भी कर सकते है। आप के मध्यप्रदेश की ओर बढ़ते कदमों से कांग्रेस भले ही चिंतित हो या न हो, लेकिन भाजपा आलाकमान की नींद जरूर उड़ी हुई है।
कारण स्पष्ट है कि जहां-जहां भाजपा प्रत्याशी हारे है वहां आप प्रत्याशी उसमे बड़ा कारण हैं। ग्वालियर में ही आप की मेयर प्रत्याशी रूचि गुप्ता 45 हजार से अधिक वोट ले गई, जिसका सीधा प्रभाव भाजपा प्रत्याशी सुमन शर्मा पर पड़ा, जिससे ग्वालियर की मेयर सीट 57 वर्षों बाद कांग्रेस की झोली में चली गई, जो भाजपा नेता डींगे हांक रहे थे कि आप से भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ेगा उनकी भी सिटटी पिटटी गुम हो गई।
भाजपा के कई पार्षद प्रत्याशी भी आप की वजह से निपट गये, आप जीती तो नहीं लेकिन उसके प्रत्याशियों को मिले वोटों से भाजपा प्रत्याशियों की टांय-टांय फिस्स हो गई। यहीं कारण यहां 60 सीटें जीतने का दावा करने वाली भाजपा की मेयर पद पर हार हुई और उसके 34 पार्षद ही बमुश्किल चुनाव जीत सकें। कुल मिलाकर आप अब भाजपा की चिंता बढ़ाने वाली पार्टी बन गई हैं। उसके संगठन प्रमुखों की नींद भी उड़ी हुई है उनके सामने 2023 के विधानसभा चुनाव भी है। यदि आप ऐसी ही मजबूती से आगे बढ़ी तो 2023 के भाजपा के लगातार सत्ता में बने रहने के अभियान में रोढ़े अटक सकते हैं।