इंदौर। राजा रघुवंशी की हत्या के बाद सोनम इंदौर के एक फ्लैट में छुपी थी। यह फ्लैट विशाल सिंह चौहान ने बुक किया था। फ्लैट के मालिक शिलोम जेम्स ने बताया कि 29 या 30 मई की रात थी। विशाल सिंह चौहान यहां पर फ्लैट देखने के लिए आया था। उसने मुझे कहा कि मेरा मकान मालिक से विवाद हो गया है, मुझे तुरंत एक फ्लैट चाहिए। मकान मालिक ने बताया कि हमने एग्रीमेंट और वेरिफिकेशन के बाद उसे फ्लैट दे दिया। हमने तीन महीने का किराया लिया, आधार कार्ड और फोटो लिए। गौरतलब है कि सोनम 25 मई से 8 जून तक इंदौर में रुकी थी। इस दौरान वह इस फ्लैट में ठहरी थी।

मकान मालिक ने बताया कि विशाल सिंह चौहान के साथ एक और लड़का था। दोनों दो पहिया गाड़ी से आए थे। यह सब फ्लैट जी वन में ठहरे थे। मकान मालिक ने कहा कि हमारे पास उनका पुलिस वेरिफिकेशन है, एग्रीमेंट भी है। विशाल ने अपना ही आधार कार्ड दिया था। विशाल ने फ्लैट लेने के बाद कहा था कि मेरे भाई और बहन इस फ्लैट में रहने आएंगे। कभी कभी मम्मी पापा भी आएंगे। विशाल ने बताया था कि वह फर्नीचर का काम करता है। फ्लैट मालिक ने कहा कि हम पुलिस को पूरा सहयोग करेंगे। हमारे पास पूरे दस्तावेज हैं।

जब मकान मालिक से पूछा गया कि अभी तक आपने पुलिस को इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी तो उसने कहा कि वह कुछ दिन के लिए बाहर गया था। विशाल का चेहरा भी उसे ठीक से पहचान नहीं आ पा रहा था क्योंकि वह उसे सिर्फ एक बार ही मिला था। मकान मालिक ने बताया कि बिल्डिंग नई बन रही है और सिर्फ एक ही फ्लैट तैयार था जिसे विशाल को दिया गया था। विशाल ने तीन महीने का रेंट 16 हजार रुपए दिया था। दो महीने का डिपाजिट और एक महीने का रनिंग।

राज ने क्राइम ब्रांच और शिलॉन्ग पुलिस के सामने कहा था, सोनम देवास नाके पर कार शोरूम के पास जिस होटल में फर्नीचर का काम चल रहा था, वहां ठहरी थी। क्राइम ब्रांच टीम इस बात की पुष्टि करने मौके पर पहुंची थी। पहले टीम डॉमिनोज के पास स्थित होटल में पहुंची। यहां 26 मई की रात विशाल और अंजलि नाम के कपल के रुकने की जानकारी सामने आई। दोनों ने अपना पता गोविंद नगर लिखवाया था। दोनों रात 2 बजे होटल पहुंचे और करीब 4 घंटे बाद वहां से चले गए।

रजिस्टर में भी आधार कार्ड की एंट्री मिली। वहीं जो मोबाइल नंबर लिखाया था, वह गलत निकला। लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई कि यहां अंजलि नाम से रुकने वाली युवती सोनम ही थी। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने उस होटल का भी पता लगाया जहां फर्नीचर बन रहा था। हालांकि राज शिलॉन्ग पुलिस को उस होटल का नाम नहीं बता पाया था। क्राइम ब्रांच के अफसरों ने सीधे तौर पर होटल की चेकिंग करने की बात से इनकार किया है।