सतना। मध्यप्रदेश का इंदौर लगातार छठवीं बार स्वच्छता रैंकिंग में टॉप पर है। प्रदेश में स्वच्छता को लेकर अब लोगों के विचार बदल रहे हैं। बड़े शहरों के साथ ही ग्रामीण अंचलों में भी स्वच्छता को लेकर लोग सजग हो रहे हैं। हाल ही में मध्यप्रदेश के सतना जिले की बड़ा इटमा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने एक सराहनीय पहल शुरू की है, जिससे ग्राम पंचायत को स्वच्छ बनाया जा सके।

इस पहल के चलते ही बड़ा इटमा प्रदेश की पहली ऐसी ग्राम पंचायत बनने जा रही है, जहां स्वच्छता के लिए ग्रामवासियों को शुल्क देना होगा। दरअसल गांव को स्वच्छ करने के लिए अब ग्राम पंचायत ने कमर कस ली है। इसी कड़ी में पंचायत ने लोगों से आम सहमति ली और फिर हर घर से प्रतिमाह 10 रुपये स्वच्छता कर के रूप में लेने का निर्णय लिया। आने वाले दिनों में हर घर से ग्राम पंचायत को स्वच्छ रखने के लिए 10 रुपये प्रतिमाह स्वच्छता शुल्क के रूप में लिए जाएंगे।

सतना जिले के रामनगर ब्लॉक में इटमा ग्राम पंचायत है। बड़ा इटमा पंचायत की महिला सरपंच ने गांव में स्वच्छता कर लागू करने का प्रस्ताव पारित किया है। यह प्रस्ताव ग्राम सभा में पारित किया गया है। पंचायत का दावा है कि यह प्रस्ताव ग्रामीणों की आम सहमति से पारित किया गया है। ग्राम सभा के दौरान पारित स्वच्छता कर लेने के लिए मासिक 10 रुपये का निर्धारण किया गया है। पंचायत इस कर को इसलिए लगा रही है ताकि कचरा गाड़ी का संचालन सुचारू रूप से हो सके।

सरपंच गीता पांडेय ने बताया कि ग्राम सभा से पहले ग्रामीणों से बातचीत की गई है। उनकी सर्व सहमति के आधार पर यह प्रस्ताव पारित किया गया है। ग्रामीण इस बात से राजी हैं कि उनके गांव की गंदगी साफ होगी। सरपंच के बेटे सुभाष पांडे ने जानकारी दी यह ग्रामीणों के ही विचार से किया गया है। पंचायत इस टैक्स के एवज में अपशिष्ट जल प्रबंधन, पर्यावरण सुरक्षा और अन्य काम आगामी दिनों में शुरू करेगी। ग्राम पंचायत की आबादी करीब 7 हजार है और इसमें 3100 मतदाता हैं।

ग्राम पंचायत बड़ा इटमा में पहले से जल कर लिया जाता है। यहां बिना जल जीवन मिशन के ही पहले से घर-घर पानी पहुंचाया जा रहा है। समाजसेवी सुभाष पांडेय ने जानकारी दी कि साल 2000 से लेकर वर्ष 2005 तक रहे सरपंच स्वर्गीय राकेश कुमार पांडेय ने यहां के ग्रामीणों के लिए घर-घर पानी पहुंचाने की व्यवस्था की थी। इसके लिए 50 हजार लीटर की टंकी बनी है। इसी के माध्यम से पानी सप्लाई किया जाता है। सुभाष ने कहा कि ग्राम पंचायत पानी सप्लाई के लिए प्रति घर से 50 रुपये माह जल कर ले रहा है। इसकी शुरुआत 2015 से हो गई थी। बीच में कई व्यवधान थे जिस कारण पानी की सप्लाई टंकी बन जाने के 10 वर्ष बाद शुरू हुई।

ग्राम सभा में इस बार पावती का प्रावधान भी किया गया है। उप सरपंच लोलवा कोल की अध्यक्षता में हुई पंचायत सभा में एक और निर्णय लिया गया। यहां सोमवार को साप्ताहिक बाजार लगता है। इसके लिए भी टैक्स लिया जाएगा। हालांकि यह कितने रुपये का होगा यह प्रस्ताव में नहीं आया। बताया गया कि इसके बदले में, प्रकाश और पेयजल, पंचायत में स्वच्छता की व्यवस्था कराई जाएगी। इसके अलावा आगामी दिनों में पंचायत पक्का हाट बाजार उपलब्ध कराएगी।