देवास। भगवान शिव के अतिप्रिय, पवित्र सावन माह के पहले सोमवार को शिवालयों में भक्तों की रौनक रही । व्रत उपवास धारण किये हुए श्रद्धालु सुबह से लेकर शाम तक शिव मंदिरों में दर्शन, पूजन जलाभिषेक करते रहे । बिल्व पत्र, आंकड़े, पुष्प अर्पित करते रहे । बम बम भोले के जयकारे गूंजते रहे ।भगवान शंकर को सावन माह प्रिय होने एवं जलाभिषेक के पीछे धार्मिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान निकले विष का पान कर, कण्ठ में धारण करने से शिवजी के शरीर का ताप बढ़ गया था । जिसे कम करने के लिये सावन माह में सम्पूर्ण प्रकृति शीतलता प्रदान करते हुए भोलेनाथ का जलाभिषेक करती है ।

 शिव द्वारा मस्तक पर चन्द्रमा, गले में नाग धारण करने, शीतल प्रकृति के बिल्ब पत्र अर्पित करने को भी इसी प्रसंग से जोडक़र देखा जाता है । इसी निमित्त सावन के प्रथम सोमवार  शहर के सभी प्रमुख मंदिरों में भक्तों की चहल पहल बनी रही ।

शहर करीब पांच किमी दूर स्थित बिलावली महादेव में भक्तों का तांता सुबह से ही लगना प्रारंभ हो गया था । भीड़ अधिक होने से भक्तों ने कतार में लगकर दर्शन किए। शिवजी का जलाभिषेक कर बिल्वपत्र, धतूरा, आंकड़ा व विभिन्न पुष्प अर्पित किए। बीएनपी गेट स्थित मानसभवन शिव मंदिर, पुराना बस स्टैंड स्थित मनकामेश्वर मंदिर, भोलेनाथ मंदिर, उपाध्याय नगर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर, मेंढकी चक स्थित प्राचीन शिव मंदिर, कैलादेवी मंदिर परिसर स्थित ज्योतिर्लिंग महादेव सहित विभिन्न शिव मंदिरों में दिनभर भक्त दर्शन के लिए आते रहे। शिवजी का विभिन्न रूपों में मनमोहक श्रृंगार किया गया। जिसे निहारने के लिए रात तक भक्तों का तांता लगा रहा। इसी तरह पुराना बस स्टैंड स्थित मनकामनेश्वर भगवान का भी आकर्षक श्रृंगार हुआ। रामनगर स्थित रामेश्वर मंदिर में विभिन्न प्रकार के फूलों से भगवान का श्रृंगार किया गया ।

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