इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर के बहुचर्चित बल्ला कांड में अब नया मोड़ आ गया है. भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक पुत्र आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ आपराधिक मामले में नगर निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस कोर्ट में अपने बयान से पलट गए हैं. हालांकि, बयान से पलट जाना अब इस अधिकारी को महंगा पड़ गया है. राजनीतिक दबाव में आए अधिकारी को अब लोग सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो पोस्ट करके सबूत दिखा रहे हैं.
लोग अधिकारी को याद दिला रहे हैं कि उन्हें किसने बल्ला मारा था. लोगों ने सोशल मीडिया पर यह भी साबित कर दिया कि नगर निगम अधिकारी ने आकाश विजयवर्गीय को हमला करते हुए देखा था. गौरतलब है कि नगर निगम रिमूवल निरीक्षक धीरेंद्र बायस ने भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ सरकारी कार्रवाई में बाधा डालने और मारपीट करने का मामला दर्ज कराया था. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. पीड़ित अधिकारी के समर्थन में जनता का आक्रोश इतना अधिक था कि आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था.
इस बार जब कोर्ट में पीड़ित अधिकारी की गवाही हुई तो वह अपने ही आरोप से पलट गए. उन्होंने कोर्ट में कहा कि भीड़ ज्यादा थी वो मोबाइल पर बात कर रहे थे. उन्हें नहीं पता कि किसने बल्ला मारा. जैसे ही जनता को इस बात का पता चला लोगों ने सोशल मीडिया पर फिर से पुराना वाला वीडियो पोस्ट करके बताया कि उसे कब और किसने बल्ला मारा था. वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि विधायक आकाश विजयवर्गीय ने पूरे होशो हवास में नगर निगम अधिकारी की क्रिकेट के बैट से पिटाई की थी.
बल्ला कांड में अपने बयान से पलटने वाले निगम अधिकारी को कांग्रेस ने अपने निशाने पर ले लिया कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा कि जब बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम के अधिकारी धीरेंद्र को बल्ले से नहीं पीटा तो फिर विधायक के नाम बल्ला मारने की झूठी रिपोर्ट लिखवाने वाले अधिकारी पर कोर्ट एवं प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. क्योंकि, इस अधिकारी की रिपोर्ट पर एक विधायक को जेल की हवा खानी पड़ी थी. निगम इस अधिकारी की सेवाएं समाप्त कर बर्खास्त करे.