मई का महीना अब अपने अंतिम चरण में है और 1 जून 2025 से नया महीना कई बड़े बदलावों के साथ दस्तक देने वाला है। हर महीने की पहली तारीख को कई अहम आर्थिक और दैनिक जीवन से जुड़े नियमों में बदलाव होता है, जो आम आदमी की जेब और जिंदगी दोनों पर असर डालते हैं। इस बार भी 1 जून से कुछ ऐसे बदलाव होने जा रहे हैं जिनका सीधा असर आपके बैंकिंग, गैस, निवेश और खर्च के तरीकों पर पड़ेगा। आइये जानते हैं इसके बारे विस्तार से…
आइए जानते हैं 1 जून 2025 से किन नियमों में होने जा रहा है बड़ा बदलाव:
1. EPFO में डिजिटल क्रांति – अब PF निकालना होगा बेहद आसान
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) 1 जून से वर्जन 3.0 लॉन्च करने जा रहा है। इसके तहत PF से जुड़े सभी काम और ज्यादा डिजिटल और सरल हो जाएंगे। माना जा रहा है कि एक ATM जैसे कार्ड के जरिए सीधे पीएफ निकासी संभव हो सकेगी। साथ ही क्लेम करने और डेटा अपडेट की प्रक्रिया भी पहले से ज्यादा तेज और यूजर-फ्रेंडली हो जाएगी।
2. क्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए सख्ती – ऑटो डेबिट फेल पर लगेगा चार्ज
अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। 1 जून से क्रेडिट कार्ड नियमों में बदलाव किया जा रहा है। अगर किसी कारणवश आपका ऑटो-डेबिट फेल होता है, तो आपको 2% तक की पेनल्टी भरनी पड़ सकती है। इसके अलावा यूटिलिटी बिल्स, फ्यूल ट्रांजैक्शन और अंतरराष्ट्रीय भुगतान पर अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने की संभावना है। साथ ही, रिवॉर्ड पॉइंट्स की नीति में भी बदलाव हो सकता है।
3. ATM से पैसे निकालना होगा महंगा – लागू होगा नया शुल्क ढांचा
1 जून से ATM से पैसे निकालने के नियमों में भी बदलाव हो सकता है। अब सीमित मुफ्त ट्रांजैक्शनों के बाद ज्यादा बार या ज्यादा रकम निकालने पर अधिक शुल्क देना पड़ सकता है। यह बदलाव उन लोगों की जेब पर असर डाल सकता है, जो बार-बार एटीएम का उपयोग करते हैं।
4. LPG गैस की कीमतों में बदलाव – रसोई बजट पर पड़ेगा असर
हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा की जाती है। ऐसे में 1 जून को भी गैस सिलेंडर के दामों में बदलाव संभव है। यह बदलाव घरेलू बजट को सीधे प्रभावित करेगा। कीमतें बढ़ी तो रसोई का खर्च बढ़ेगा, वहीं कटौती से कुछ राहत मिल सकती है।
5. FD की ब्याज दरें हो सकती हैं कम – निवेशक रहें सतर्क
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करने वालों के लिए भी 1 जून से ब्याज दरों में बदलाव संभव है। फिलहाल ज्यादातर बैंक 6.5% से 7.5% के बीच ब्याज दर दे रहे हैं, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि यह दरें घट सकती हैं। ऐसे में निवेशकों को अपने विकल्पों पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है।