नई दिल्ली: राज्य परिवहन विभाग ने पुलिस की मदद से शहर में डीजल से चलने वाली बीएस3 और बीएस4 चार पहिया वाहनों के चलने पर रोक लगाने के लिए 120 से ज्यादा टीम तैनात कर दी हैं. इस कदम का उद्देश्य दिल्ली के बिगड़ते वायु प्रदूषण के स्तर को रोकना है.

हाल ही में केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अधिकारियों को निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ उत्सर्जन मानदंडों का अनुपालन नहीं करने वाले वाहनों के चलने जैसे प्रतिबंधों को लागू करने का निर्देश दिया है.

एनफोर्समेंट टीम वाहन डेटाबेस में उनके रजिस्ट्रेशन नंबर अपलोड करके और उनके टाइप और अन्य स्पेसिफिकेशन की जांच करके वाहनों की जांच करेगी. परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “सभी 120 टीम प्रदूषण से संबंधित कई उपायों को लागू करने में जुटी हुई हैं.”

दिवाली के बाद खराब हुई हवा
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय रविवार को कभी एक हाई लेवल मीटिंग में जीआरएपी के तीसरे चरण के तहत लागू किए जाने वाले उपायों पर चर्चा की है. राष्ट्रीय राजधानी का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक शाम 4 बजे 397 था, जो जनवरी के बाद से सबसे खराब है. दीपावली में गुरुवार को यह 354, बुधवार को 271, मंगलवार को 302 और सोमवार को 312 थी.

दिल्ली सरकार चलाएगी नया अभियान
राष्ट्रीय राजधानी की सरकार ने शहर में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से एक महीने तक चलने वाले अभियान ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ की भी योजना बनाई थी. हालांकि, एलजी से मंजूरी में देरी के कारण, अभियान लॉन्च को स्थगित कर दिया गया है. इस अभियान में वॉलिंटियर्स ट्रैफिक लाइट ग्रीन होने पर ड्राइवरों को अपने वाहनों को बंद करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.

राय ने पहले बताया था कि 100 प्रमुख यातायात चौराहों पर अभियान चलाया जाएगा. इसमें 2,500 लोग तैनात किया जाएंगे. प्रत्येक ट्रैफिक सिग्नल पर दो शिफ्टों में 10 अन्य वालंटियर तैनात किए जाएंगे. इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया था कि शहर के 10 बड़े ट्रैफिक चौराहों पर मुख्य फोकस रहेगा, जहां 20-20 वालंटियर तैनात रहेंगे.