इन्दौर। क्राइम ब्रांच ने कल एक फर्जी एडवाइजरी कंपनी पकड़ी थी। बताते है कि यहां लोगों को जाल में फंसाने का काम कंपनी की एचआर हेड नेहा करती थी। वही एक दर्जन लड़कियो से फोन लगावकर लोगों को शिकार बनाती थी। उसे अभी आरोपी नहीं बनाया गया है, लेकिन पूछताछ की जा रही है।
क्राइम ब्रांच ने कल टीआई मॉल के पास धनलक्ष्मी सिक्यूरिटी के नाम से संचालित हो रही फर्जी एडवाजरी कंपनी पर छापा मारा था। पुलिस ने यहां से तीन आरोपी सचिन उतरकर, अलोककुमार सिंह और तुषार बड़ोलिया को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई मुरैना के एक व्यक्ति की शिकायत पर की गई थी। जब पुलिस ने यहां छापा मारा तो एक दर्जन युवतियां भी काम में लगी हुई थीं। हालांकि अभी इनमें से किसी को आरोपी नहीं बनाया गया है। पुलिस ने यहां से 16 मोबाइल, 2 लैपटॉप सहित कई दस्तावेज जब्त किए है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि लोगों को शेयर मार्केट में मोटे मुनाफा का झांसा देकर जाल में फंसाने का काम कंपनी की एचआर हेड नेहा करती थी। वही अन्य युवतियों से फोन लगावाकर शिकार बनाती थीं, वहीं जांच में पता चला है कि कंपनी ने एक वेब पेज भी बना रखा था और उस पर एक बैंक खाते का नंबर भी था। इसी में ठगी का पैसा जमा होता था। अब पुलिस उस खाते को ब्लॉक करवा रही है, वहीं जांच में यह भी पता चला है कि एक आरोपी अलोककुमारसिंह आईटी एक्सपर्ट है, उसने छापे के बाद साफ्टवेयर को ब्लॉक कर दिया था। अब उसको पुलिस खुलवा रही है, ताकि यह पता चल सके कि इन लोगों ने कितने लोगों को शिकार बनाया है। बताते है कि छापे के बाद कुछ अन्य शहरों के लोगों ने पुलिस से संपर्क किया है, वहीं आरोपियों ने कबूला है कि उनके पास 5 हजार लोगों को डाटा है, जो उनके टारगेट पर थे। यह डाटा उन्होंने कहा से प्राप्त किया, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि ठगी की सरगना नेहा ही है, लेकिन अभी तक उसे आरोपी नहीं बनाया गया है।
पहले पकड़ाई थी पूजा थापा
यू तो इंदौर शहर फर्जी एडवाइजरी का अड््डा बन गया है। कुछ सालों में पुलिस शहर में 100 से अधिक फर्जी एडवाइजरी कंपनी पकड़ चुकी हैं, लेकिन लगातार कार्रवाई के बाद कई फर्जी एडवाइजरी कंपनी देवास से चल रही है। इस गिरोह में भी एक आरोपी देवास का ही है। यहीं नहीं ऐसी कई फर्जी एडवाइजरी कंपनिया युवतियां भी चला रही हैं। कुछ साल पहले एरोड्रम पुलिस ने एक फर्जी एडवाइजरी की सरगना पूजा थापा को गिरफ्तार किया था, जबकि जब भी पुलिस एडवाइजरी कंपनियों पर छापा मारती है तो देखने में आता है कि यहां बड़ी संख्या में युवतियां काम करती हैं,लेकिन सीधे तरीके से शामिल नहीं होने से पुलिस उनको आरोपी नहीं बनाती है।
शहर में पिछले कुछ समय से लगातार बाहर के राज्यों की पुलिस फर्जी एडवाइजरी कंपनियों के आरोपियों को पकडऩे के लिए लगातार इन्दौर आती रही है। कई बार आरोपियों को पकडक़र भी ले गई है। अब इन फर्जी एडवाइजरी कंपनियों ने एक नया तरीका निकाला है। यह लोग इन्दौर के लोगों को शिकार बनाने से बच रहे हैं, जबकि दूसरे राज्यों के लोगों को आसानी से शिकार बना रहे हैं, ताकि पुलिस उन तक नहीं पहुंचे, लेकिन अब पुलिस ई-मेल और फोन पर आई सूचनाओं पर आई शिकायतों के बाद भी कार्रवाई कर रही है। इस मामले में भी मुरैना के व्यक्ति की शिकायत पर कार्रवाई की गई।