28 में से 5 को पहले ही विधायक बना दिया अब…

इंदौर, उज्जैन, धार के सांसद के टिकट भी खतरे में

भोपाल । भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व हर चुनाव में चौंकाने वाले प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगा रहा है। पार्टी ने राज्यसभा की चारों सीटों पर भी नए नाम तय करके चौंका दिया है। अब लोकसभा की 29 में से आधी से ज्यादा सीटों पर जहां नए चेहरों को उतारा जाएगा, वहीं भाजपा की मौजूदा 23 सीटों में से भी 10 से 12 सांसदों के नाम पर कैंची चलना लगभग तय है। इनमें भोपाल, इंदौर,धार, उज्जैन, ग्वालियर के सांसदों के नाम भी बताए जा रहे हैं।

भाजपा नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तैयारी कर ली है, जिसमें प्रत्याशियों के नाम भी लगभग तय हैं। 2019 के चुनाव में भाजपा ने मप्र में 29 में से 28 सीटें जीतीं। इनमें से 5 सांसद विधायक बन चुके हैं। ऐसे में भाजपा के 23 सांसद बचे हैं। विधायक बनने से खाली हुई लोकसभा सीट मुरैना, होशंगाबाद, जबलपुर, सीधी और दमोह से नए चेहरों को उतारा जाएगा। गुना सीट से सिंधिया चुनाव लडऩा चाहते हैं, ऐसे में केपी यादव के टिकट पर भी खतरा है। हालांकि सिंधिया के पास ग्वालियर से चुनाव लडऩे का विकल्प है।

इनके टिकट पर खतरा
ग्वालियर से विवेक शेजवलकर, सागर से राज बहादुरसिंह, टीकमगढ़ से वीरेन्द्र खटीक, सतना से गणेशसिंह, रीवा से जर्नादन मिश्रा, मंडला से फग्गनसिंह कुलस्ते, बालाघाट से ढालसिंह बिसेन, विदिशा से रमाकांत भार्गव, भोपाल से प्रज्ञासिंह, राजगढ़ से रोडमल नागर, उज्जैन से अनिल फिरोजिया, धार से छतरसिंह दरबार, इंदौर से शंकर ललवानी का टिकट कट सकता है।