उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन के चिंतामन रोड पर स्थित सम्राट विक्रमादित्य भवन में तीन दिनों के लिए आयोजित की गई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के केंद्रीय अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक संघ प्रमुख मोहन भागवत के विशेष आतिथ्य में हुई। संघ प्रमुख ने इसमें अलग-अलग सत्र की बैठक में हिस्सा लिया। इसके बाद वे मुरैना के लिए रवाना हो गए। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तीन दिन से उज्जैन प्रवास पर थे। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ चल रही बैठक में हिस्सा लिया।

बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, सह सरकार्यवाह अरुण कुमार, सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य, सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य और पूर्व सर कार्यवाह भैयाजी जोशी, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य और पूर्व सह सर कार्यवाह सुरेश सोनी भी बैठक में शामिल हुए। सूत्रों की मानें तो बैठक में सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, गोसेवा, धर्म जागरण, ग्राम विकास और नशा मुक्ति जैसे विषयों पर चर्चा हुई। वहीं अगले वर्ष 2025 में संघ स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर किए जाने वाले कार्यों पर भी मंथन हुआ।

अब इस दिशा में तेजी से कार्य करेगा संघ: सामाजिक समरसता- इसके तहत हर चिह्नित बस्ती में एक सामान्य वर्ग के परिवार द्वारा पिछड़े वर्ग के पांच परिवारों से मेलजोल बढ़ाने और साथ भोजन आदि करने जैसे गतिविधियों को गति देने पर चर्चा हुई। कुटुंब प्रबोधन- सामाजिक विकास को दूर करने के लिए कुटुंब प्रबोधन की गतिविधियों को बढ़ाने का निर्णय हुआ। एक परिवार हफ्ते में एक दिन भोजन, भ्रमण और भजन साथ में करें। घर में चर्चा के लिए गृह सभा का आयोजन हो। गोसेवा- गाय से जुड़े उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए परियोजना को गति दी जाएगी। इससे गोसेवा का उद्देश्य आगे बढ़ेगा। धर्म जागरण- घर वापसी के कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। बीते कुछ वर्ष में दबाव अथवा लोभ देकर मतांतरण करने वाले लोगों को फिर से अपने धर्म में लाने के लिए परियोजना आगे बढ़ाई जाएगी। ग्राम विकास और नशा मुक्ति- ग्राम विकास और गांवों को नशा मुक्त करने के लिए अभियान स्तर पर कार्य किया जाएगा। एक गांव-एक गांव चिह्नित कर इसे रोल मॉडल बनाया जाएगा।