भोपाल। सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों पर चर्चा की मांग को लेकर बुधवार को मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित किए जाने के बाद भी जब हंगामा शांत नहीं हुआ तो कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इसके साथ ही सदन का मानसून सत्र निर्धारित समय से दो दिन पहले संपन्न हो गया।

-हंगामे के बीच ही अध्यक्ष डॉ सीतासरन शर्मा ने कार्यसूची में शामिल सभी औपचारिक कार्य पूरे कराए। इसी दौरान छह विधेयक भी पारित किए गए, जिसके बाद सरकार के वरिष्ठ मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव रखा।

-इसके पहले बुधवार को सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही उपनेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन ने सरदार सरोवर के डूब प्रभावित लोगों का मुद्दा उठाते हुए इस पर स्थगन प्रस्ताव दिए जाने और चर्चा कराए जाने की मांग की। इसी दौरान कांग्रेस के सचिन यादव और सुरेंद्र सिंह बघेल समेत कई विधायक आसंदी के पास पहुंच गए। डूब प्रभावित जिलों के कांग्रेस विधायक आरोप लगा रहे थे कि सरदार सरोवर बांध परियोजना से 200 गांवों के करीब 23 हजार लोग प्रभावित हुए हैं, सरकार ने वहां हथियारबंद सुरक्षाबल तैनात कर दिए हैं और डूब प्रभावित लोगों की बात नहीं सुनी जा रही।

-नर्मदा घाटी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लालसिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत पूरा मंत्रिमंडल डूब प्रभावितों की चिंता कर रहा है, लेकिन कांग्रेस सदस्यों की चर्चा की मांग जारी रही। लगातार हंगामे और कांग्रेस विधायकों के आसंदी के पास आकर नारेबाजी के चलते सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

-सदन के समवेत होने पर भी कांग्रेस विधायकों का हंगामा जारी रहा। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई सदस्यों के बीच नोक-झोंक भी हुई। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने अध्यक्ष डॉ शर्मा से चर्चा कराए जाने की गुजारिश की, जिस पर वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने उन पर आसंदी पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। पंचायती राज मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि कार्यसूची में शामिल सभी कार्यों को पूरा किए जाने के बाद अगर समय बचता है तो उस पर चर्चा कराई जा सकती है। वहीं सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर विकास विरोधी होने का आरोप लगाया।

-अध्यक्ष डॉ शर्मा ने कांग्रेस विधायकों को प्रश्नकाल चलने देने और शून्यकाल में अपनी बात रखने का निर्देश दिया, लेकिन कांग्रेस सदस्य नारेबाजी के साथ अपनी मांग पर अड़े रहे। हंगामा नहीं थमने के बीच अध्यक्ष डॉ शर्मा ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

-सदन के दोबारा समवेत होने पर भी कांग्रेस विधायक लगातार आसंदी के पास पहुंच कर अपनी मांग दोहराते रहे। इसी बीच अध्यक्ष डॉ शर्मा ने विधायकों से कहा कि आप सरकार को बता दें कि आप क्या चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सदस्यों को अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान समय मिला था, लेकिन तब उन्होंने इसका सदुपयोग नहीं किया। इसी शोर-शराबे और नारेबाजी के दौरान ही अध्यक्ष डॉ शर्मा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, याचिकाओम की प्रस्तुति और शासकीय विधि विषयक कार्यों को पूरा कराया।

सभी विधेयकों पर चर्चा के लिए निर्धारित समय करीब पौने चार घंटे की कार्यवाही करीब 15 मिनट में पूरा होने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 17 जुलाई को शुरू हुआ था। 28 जुलाई तक निर्धारित इस सत्र में 10 बैठकें संभावित थीं, जिसमें से आठ संपन्न हुईं।

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