भोपाल।  मप्र में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के प्रवेश के दौरान मप्र कांग्रेस में बड़े तोड़ की आशंका है। कांग्रेस के 10 से 12 विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की खबर है। हालांकि भाजपा इस बात को सिरे से खारिज कर रही है कि वह ऑपरेशन लोटस जैसा कोई अभियान चला रही है। भाजपा की नजर कांग्रेस के उन 19 विधायकों पर है, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर चौंकाया था।

इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि उनके संपर्क में भी भाजपा के कई विधायक हैं, जिन्हें भाजपा से टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन हम अपने संगठन में से ही टिकट देंगे। राहुल गांधी की यात्रा के दौरान ऑपरेशन लोटस के सवाल पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि जिसको भी देश के लिए कुछ करना है वह भाजपा में रहकर कर सकता है। कोई भी व्यक्ति जिसे देश के लिए काम करना है वह किसी भी दल का हो सकता है। अगर वह भाजपा के साथ आकर कुछ करना चाहते हैं तो इसमें गलत क्या है। भाजपा का काम सकारात्मक राजनीति करना है।

कांग्रेस में ऐसा कोई गद्दार नहीं जो पीठ में छुरा घोंपे – गोविंद सिंह
कांग्रेस नेताओं के भाजपा के संपर्क में होने के सवाल नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि कांग्रेस में ऐसा कोई गद्दार नहीं है जो पीठ में छुरा घोंपे। हमारे नेता कमलनाथ इतने सक्षम है कि ऐसे लोगों को एक झटके में बाहर निकाल देते हैं। उन्हें वफादारों की जरूरत है, गद्दारों की नहीं।

इंदौर, उज्जैन, निमाड़, महाकौशल, बुंदेलखंड सहित कई जगह उठ रहे कांग्रेस के खिलाफ विरोध के स्वर

कांग्रेस के जिन विधायकों के भाजपा में जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है, उनमें मालवा में इंदौर और उज्जैन से तीन विधायक हैं जो पार्टी से खासे नाराज चल रहे हैं। इनमें से एक की तो भाजपा से चर्चा हुई थी कि वे तीन विधायकों के साथ भाजपा में आना चाहते थे लेकिन उनके लिए तो रजामंदी थी, लेकिन दो का मामला अटक गया। इससे उनका भी भाजपा में जाना रुक गया था।

निमाड़ में एक विधायक पहले ही खंडवा लोकसभा उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मंच साझा कर चुके हैं, लेकिन अभी भी वे विधानसभा में विधिवत कांग्रेस के ही विधायक हैं। तीन विधायकों में राहुल गांधी निमाड़ से मालवा में आएंगे तो इसी मार्ग के तीन अन्य विधायकों के भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

महाकौशल और बुंदेलखंड से दो-दो और ग्वालियर-चंबल अंचल से एक विधायक की गतिविधियों पर कांग्रेस की नजर है। ये विधायक ऐसे हैं जो कांग्रेस की रीति-नीति के विरोध में मुखर होकर अपनी आवाज उठाते रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में 50 से ज्यादा पीसीसी डेलीगेट्स के वोट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ चुनाव लड़े शशि थरूर को मिले थे।