भोपाल। प्रदेश में नगरीय निकायों और पंचायतों की मतदाता सूची का पुनरीक्षण राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर कलेक्टरों द्वारा कराया जा रहा है। मई में संभावित चुनावों के मद्देनजर मतदाता सूची का काम इसी माह 25 अप्रेल के पहले पूरा कर उसका प्रकाशन किया जाना है। इसे देखते हुए आयोग के निर्देश पर सोमवार चार अप्रेल से नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बनाई जा रही मतदाता सूची पर दावे आपत्ति लिए जाएंगे।
जिलों में मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकायों की फोटोयुक्त मतदाता सूची का वार्षिक पुनरीक्षण, वर्ष 2022 के अंतर्गत विधानसभा की मतदाता सूची में हुए परिवर्धन, संशोधन एवं विलोपन को नगरीय निकाय की मतदाता सूची में अपडेट कराने का कार्य कराया जा चुका है। 4 अप्रैल से फोटोयुक्त मतदाता सूची में दावा आपत्ति प्राप्त किए जाएंगे। निकायों को वार्ड प्रभारियों व विधानसभा के बीएलओ के माध्यम से मृतक मतदाताओं की सूची तैयार कराने, साथ ही जो विवाह पंजीयन हुए हैं, उनके आधार पर नगरीय व ग्रामीम क्षेत्र से अन्यत्र विवाहित महिलाओं की सूची तैयार कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि पुनरीक्षण के समय ऐसे मतदाताओं के नाम विलोपित, शामिल करने की कार्रवाई सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा की जा सके। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने पंचायतों के परिसीमन और वार्ड आरक्षण का काम करा लिया है। इसके बाद अब आयोग वोटर लिस्ट तैयार कराकर चुनाव कराने की तैयारी में जुट गया है।
वोटर आईडी के लिए नहीं काटने होंगे चक्कर
उधर चुनाव आयोग ने तय किया हैकि अब वोटर कार्ड के लिए आवेदन करने के बाद कलेक्ट्रेट और तहसील दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि अब एक अप्रैल से घर बैठे स्पीड पोस्ट के जरिये कार्ड पहुंचाया जाएगा। पहले वोटर आईडी कार्ड पहुंचाने की जिम्मेदारी बीएलओ की हुआ करती थी लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने डाक विभाग को यह जिम्मेदारी दी है। इसके लिए वोटर्स को कोई फीस नहीं देना होगा। भारत निर्वाचन आयोग इसका खर्च उठायेगा।