सतना, मध्य प्रदेश के सतना में बड़ा गेंहू घोटाला सामने आया है. यहां स्वसहायता समूह ने 2,681 क्विंटल गेहूं खरीदे बिना ही 57 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. पुलिस ने इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी है. वहीं, इस मामले में नौ महिला समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है.

दरअसल, मामला सतना जिले के सुलखमा गांव के रामनगर थाना क्षेत्र का है. यहां अरगट में खोले गए गेहूं उपार्जन केंद्र के संचालन का जिम्मा सुलखमा की लक्ष्मी स्वसहायता समूह को दिया गया था. मगर, समूह की अध्यक्ष आशा यादव ने 57 लाख रुपये का 2 हजार 681 क्विंंटल गेहूं बिना खरीदे ही पोर्टल पर ट्रांसपोटिंग के लिए उपलब्ध बता दिया.

उन्होंने कंप्यूटर ऑपरेटर और सदस्यों से साठगांठ करके पूरा हेरफेर किया. जब इसकी जांच की गई तो 8 मई- 20 मई 2023 के बीच 18 किसानों के नाम पर फर्जी फंडिंग पाई गई. इसमें से 10 किसानों के खातों में पैसे भेज गए थे. जबकि गेहूं कभी खरीदा ही नहीं गया था.

फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद शिकायत दर्ज
प्रशासन के कई बार रिमाइंडर भेजने पर भी समूह ने लिखित जानकारी नहीं दी. साथ ही दस्तावेजों में बताई गई कंप्यूटर ऑपरेटर कोमल गुप्ता को हटाकर रामसकल सिंह को नियुक्त किया गया. इसकी भी जानकारी नागरिक आपूर्ति निगम को नहीं दी गई थी. फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कारपोरेशन लिमिटेड ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई.

56 लाख 98 हजार 187 रुपए का हेरफेर किया गया – पुलिस
थाना प्रभारी आदित्य धुर्वे ने बताया कि इस मामले में रामसकल सिंह लक्ष्मी स्वसहायता केंद्र में कंप्यूटर ऑपरेट करता है. स्वसहायता समूह की 14 महिलाएं में इसमें शामिल हैं. इन सभी के द्वारा गेहूं खरीदी में 56 लाख 98 हजार 187 रुपए का हेरफेर किया गया है. पुलिस ने लक्ष्मी स्वसहायता समूह के कंप्यूटर ऑपरेटर, समूह की अध्यक्ष, सचिव समेत कुल 15 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.

पुलिस ने नौ आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने स्वसहायता समूह की अध्यक्ष, सचिव, नौ महिलाओं समेत कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया है. वहीं, पुलिस ने 17 अगस्त को कंप्यूटर ऑपरेटर को भी हिरासत में ले लिया है. जबकि फरार चल रहे तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है.