सागर (एमपी), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक जनसभा को संबोधित कर रहे हैं. यहां उन्होंने 14वीं सदी के रहस्यवादी कवि और समाज सुधारक संत रविदास को समर्पित 100 करोड़ रुपये के मंदिर का भूमिपूजन किया. साथ ही सागर में कई सौ करोड़ रुपये के अन्य प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास किया.
दरअसल, मध्य प्रदेश में साल के आखिर तक विधानसभा चुनाव होने हैं और एक महीने के भीतर यह प्रधानमंत्री मोदी का दूसरा दौरा है. उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश में स्थित सागर बडतुमा से लगभग 20 किमी दूर ढाना हवाई पट्टी के पास एक विशाल जनसभा को भी संबोधित किया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.
लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सागर की धरती, संतों का सानिध्य, संत रविदास का आशिर्वाद और हर कोने से इतनी बड़ी संख्या में आशिर्वाद देने आए. देश की इसी साझी संस्कृति को और समृद्ध करने के लिए आज यहां संत रविदास स्मारक एवं कला संग्रालय की नींव पड़ी है. संतों की कृपा से कुछ देर पहले मुझे इस पवित्र स्मारक के भूमिपूजन का अवसर मिला है.
पीएम मोदी ने कहा कि मैं काशी का सांसद हूं इसलिए ये मेरे लिए दोहरी खुशी का अवसर है. पूज्य संत रविदास जी के आशिर्वाद से मैं विश्वास से कहता हूं कि आज मैंने शिलान्यास किया और एक-डेढ साल बाद जब मंदिर बन जाएगा तो लोकार्पण के लिए भी मैं जरूर आऊंगा. संत रविदास जी मुझे यहां आने का मौका देने ही वाले हैं. मुझे बनारस में संत रविदास जी की जन्मस्थली पर जाने का कई बार सौभाग्य मिला है और आज मैं यहां आप सबके सानिध्य में हूं.
उन्होंने कहा कि संत रविदास स्मारक एवं संग्रालय में भव्यता भी होगी और दिव्यता भी होगी. ये दिव्यता रविदास जी की उन शिक्षाओं से आएगी, जिन्हें आज इस स्मारक की नींव में जोड़ा गया है, गढ़ा गया है. 20 हजार से ज्यादा गांवों और 300 से ज्यादा नदियों की मिट्टी आज इस स्मारक का हिस्सा बनी है. एक मुट्ठी मिट्टी के साथ-साथ एमपी के लाखों परिवारों ने समरसता भोज के लिए एक-एक मुट्ठी अनाज भी भेजा है. इसके लिए जो 5 समरसता यात्राएं चल रही हैं, आज उनका भी सागर की धरती पर समागम हुआ है. ये यात्राएं यहां खत्म नहीं हुई हैं, बल्कि यहां से सामाजिक समरसता के एक नए युग की शुरुआत हुई है.
पीएम मोदी ने कहा कि प्रेरणा और प्रगति जब एक साथ जुड़ते हैं तो एक नए युग की शुरुआत होती है. आज हमारा देश, हमारा एमपी इसी ताकत के साथ आगे बढ़ रहा है. इसी क्रम में आज यहां कोटा-बीना सेक्शन पर रेल मार्ग के दोहरीकरण का भी लोकार्पण हुआ है. नेशनल हाईवे पर दो महत्वपूर्ण मार्गों का शिलान्यास भी किया गया है. विकास के ये काम सागर और आसपास के लोगों को बेहतर सुविधा देंगे.
‘हम अपनी विरासत को आगे बढ़ाए’
पीएम ने कहा कि संत रविदास स्मारक और संग्रालय की नींव एक ऐसे समय में पड़ी है जब देश ने अपने आजादी के 75 साल पूरे किए हैं. अब अगले 25 वर्षों का अमृतकाल हमारे सामने है. अमृतकाल में हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी विरासत को आगे बढ़ाएं और अपने अतीत से सबक भी लें. एक राष्ट्र के रूप में हमने हजारों वर्षों की यात्रा की है. इतने लंबे कालखंड में समाज में कुछ बुराइयां आना भी स्वाभिवक है. ये भारतीय समाज की ही शक्ति है, इन बुराइयों को दूर करने वाला समय समय पर कोई महापुरुष, कोई संत इसी समाज से निकलता रहा है. रविदाज जी ऐसे ही महान संत थे. उन्होंने उस कालखंड में जन्म लिया, जब देश पर मुगलों का शासन था. समाज अस्थिरता, उत्पीड़न और अत्यचार से जूझ रहा था. उस समय भी रविदास जी समाज को जागा रहे थे. उसे उसकी बुराइयों से लड़ना सिखा रहे थे.