प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (26 मई) गुजरात के दौरे पर हैं। उन्होंने दाहोद में एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया और कई अहम मुद्दों पर बात की। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए आतंकियों को कड़ा संदेश दिया। पीएम मोदी ने कहा कि जो हमारी बहनों के सिंदूर को मिटाएगा, वह खुद मिट जाएगा।

ऑपरेशन सिंदूर पर भावुक संदेश
पीएम मोदी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की चर्चा करते हुए कहा, “जब कोई हमारी माताओं और बहनों के सिन्दूर को मिटाने की कोशिश करता है, तो उसका खुद का अंत तय होता है। भारत चुप नहीं बैठता और मोदी तो बिल्कुल नहीं।” उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारतीयों की भावनाओं और मूल्यों की अभिव्यक्ति है। उन्होंने आतंकवादियों को चेतावनी दी कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि मोदी से टक्कर लेना कितना मुश्किल होगा।

मैंने सुरक्षा बलों को खुली छूट दी
प्रधानमंत्री मोदी ने दाहोद में कहा, “पिता को उनके बच्चों के सामने (पहलगाम में) गोली मार दी गई। जब हम उन तस्वीरों को देखते हैं तो खून खौल उठता है। आतंकवादियों ने 140 करोड़ भारतीयों को चुनौती दी, इसलिए मोदी ने वह किया जिसके लिए आपने उन्हें प्रधानमंत्री होने की जिम्मेदारी दी। मैंने सुरक्षा बलों को खुली छूट दी। हमारे बहादुरों ने वह किया जो दुनिया ने कई दशकों से नहीं देखा था। हमने नौ आतंकी ठिकानों की पुष्टि की। 6 तारीख की रात को 22 मिनट में हमने उनको मिट्टी में मिला दिया।”

प्रधानमंत्री बनने के 10 साल पूरे
पीएम मोदी ने जनता को याद दिलाया कि 26 मई 2014 को उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्होंने कहा, “सबसे पहले गुजरात ने मुझे आशीर्वाद दिया, फिर पूरे देश ने। यह तारीख मेरे लिए हमेशा खास रहेगी।”

दाहोद में विकास कार्यों की चर्चा
मोदी ने दाहोद में हाल ही में शुरू हुए इलेक्ट्रिक इंजन कारखाने की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उन्होंने तीन साल पहले इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था और तब कुछ लोग इसे सिर्फ चुनावी दिखावा कह रहे थे। लेकिन आज यहां पहला इलेक्ट्रिक इंजन तैयार हो चुका है और उसे हरी झंडी भी दिखाई जा चुकी है।

आत्मनिर्भर भारत और विकसित राष्ट्र की दिशा में कदम
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि देश अब ऐसे फैसले ले रहा है जो कभी अकल्पनीय थे। उन्होंने कहा, “भारत ने दशकों पुरानी बेड़ियाँ तोड़ दी हैं। आज 140 करोड़ भारतीय देश को ‘विकसित भारत’ बनाने के लिए मेहनत कर रहे हैं। अब ज़रूरत है कि हम हर जरूरी चीज अपने देश में ही बनाएं। भारत अब मैन्युफैक्चरिंग की दुनिया में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।”