मुंबई । पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनाव परिणाम में भारतीय जनता पार्टी का परचम लहरा रहा है. 4 राज्यों के परिणाम में कांग्रेस के हाथ केवल एक राज्य लगा, जबकि भाजपा ने 3 राज्यों में उम्‍मीद से ज्‍यादा जीत दर्ज की है. तीनों ही राज्यों में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलता नजर आ रहा है. पूर्ण बहुमत के मतलब स्थिरता से है. तीन राज्यों में अगले 5 सालों तक एक ही सरकार रहने वाली है. चूंकि इन चुनावों को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल समझा जा रहा था तो अब भाजपा के लिए अच्छी स्थिति नजर आती है.

राजनीति की बात अपनी जगह, लेकिन शेयर बाजार देश के अंदर होने वाले इस तरह के बड़े इवेंट्स पर अपना रिएक्शन जरूर देता है. एक्सपर्ट मान रहे हैं कि बाजार के लिए आने वाला समय मजबूत रहने वाला है. मगर यदि बात करें कल (सोमवार) की, तो क्या संभावनाएं बनती हैं?

कल शेयर बाजार ऊपर जा सकता है, स्थिर रह सकता है, या फिर गिर भी सकता है? स्थिरता के हिसाब से संकेत मिलता है बाजार को गिरना नहीं चाहिए. परंतु पक्के तौर पर कहा नहीं जा सकता कि क्या होगा? यदि इतिहास पर नजर डालें तो बाजार ने मिला-जुला रुख अपनाया है. आज हम बात करते हैं इन्हीं राज्यों में हुए पिछले 4 चुनावों के बाद की बाजार की स्थिति की.

2018 में क्या हुआ था
इन्हीं राज्यों में पिछली बार 2018 में चुनाव हुए थे. इन्हीं पांचों राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, और मिजोरम) में चुनाव हुए थे. परिणाम 11 दिसंबर को मिले थे. इन चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था. कांग्रेस ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बहुमत से सरकार बनाई थी. तेलंगाना में बीआरएस तो मिजोरम में मिजोरम नेशनल फ्रंट (MNF) ने सरकार बनाई थी. चूंकि इन पांचों राज्यों के चुनाव तब भी 2019 के लोकसभा से पहले सेमीफाइनल चुनावों की तरह देखे जा रहे थे तो भाजपा की हार से सेंसेक्स में लगभग 500 अंकों की शुरुआती गिरावट आई थी. उसी दिन अंत तक बाजार ने पूरी गिरावट तो रिकवर कर ही ली, साथ ही लगभग 190 अंक उछलकर 35,150 पर बंद हुआ.

2013 में क्या हुआ
2013 तक तेलंगाना नहीं बना था. तब बाकी के चारों राज्यों के साथ दिल्ली में चुनाव होता था. इस वर्ष 8 दिसंबर को रिजल्ट आया था. मिजोरम में एक दिन बाद 9 दिसंबर को गिनती हुई. इस बार भी ऐसा ही हो रहा है. परिणाम आया और तीनों बड़े राज्यों, मध्य प्रदेश, राजस्थान, और छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनी, जबकि दिल्ली में बहुमत नहीं मिल पाया था. कांग्रेस 15 सालों बाद सत्ता से बाहर हो गई थी. अगले दिन 9 दिसंबर को सोमवार था और शेयर बाजार में बढ़िया तेजी आई. सेंसेक्स 329.89 अंकों (1.57%) बढ़कर 21,326.42 पर बंद हुआ था.

2008 विधानसभा के बाद
इस चुनाव को 2009 का सेमीफाइनल समझा गया. तब दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, और जम्मू कश्मीर में चुनाव हुए थे. छ्त्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार रिपीट हुई थी तो दिल्ली और मिजोरम में कांग्रेस ने वापसी की थी. राजस्थान में भी कांग्रेस के हक में परिणाम आया था. तब वोटो की गिनती 8 दिसंबर को हुई थी और दिन था सोमवार. इस दिन चुनावी गिनती के साथ शेयर बाजार भी चल रहा था. इस दिन सेंसेक्स में 2.20 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. सेंसेक्स 197.42 प्रतिशत उछलकर 9,162.62 पर बंद हुआ था. इसके अगले साल लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA-2 सरकार बनी.

2003 में कैसा रहा बाजार
इस साल भाजपा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, और छत्तीसगढ़ तीनों राज्यों में जीत हासिल की थी. तीनों राज्य कांग्रेस के हाथ से निकल गए थे. दिल्ली में हालांकि कांग्रेस की सरकार बच गई थी. नतीजे गुरुवार को आए थे, तारीख थी 4 दिसंबर. इस दिन सेंसेक्स 0.08 फीसदी अथवा 4 अंक बढ़कर 5225.90 पर बंद हुआ था. हालांकि उसके अगले 2 दिनों तक गिरावट आई और फिर सेंसेक्स में एक तगड़ी रैली देखने को मिली थी.

कल क्या संभावना?
शेयर बाजार में कल क्या होगा, इसकी सटीक भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता. बहुमत के साथ बन रही राज्य सरकारों की स्थिति देखें तो बाजार को उछलना चाहिए. यहां शेयर बाजार का एक खेल और आता है, जहां ऑपरेटर्स अपनी चाल चलते हैं. चूंकि इस जीत के बाद सभी छोटे निवेशकों में यह धारणा हो सकती है कि बाजार में तेजी देखने को मिलेगी, और वे सब पॉजिटिव साइड के ट्रेड लेकर पैसा बनाने की कोशिश करेंगे. परंतु छोटे निवेशकों को बाहर करने के लिए ऑपरेटर या बड़े खिलाड़ी बाजार के प्रति बनी आम धारणा के विपरीत जा सकते हैं अथवा बाजार गिर सकता है. यह फिर से नोट कर लेना चाहिए कि एक्सपर्ट लॉन्ग टर्म के लिए इसे अच्छा संकेत बता रहे हैं.