भोपाल। महिला अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार की महिला पुलिस वॉलेंटियर योजना फिलहाल प्रदेश में शुरू नहीं हो रही है। इस योजना की देश के दूसरे राज्यों में क्या स्थिति हैं, यह पता करने के बाद ही योजना पर विचार किया जाएगा।

बताया जाता है कि गुरुवार को मंत्रालय में महिला अपराधों की समीक्षा  बैठक में मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के सामने इस योजना को लेकर बातचीत हुई थी, जिसमें  यह तय हुआ कि इस योजना से महिला अपराधों पर अंकुश लगाने में कितना योगदान रहा है। बताया जाता है कि इस योजना के तहत गांव, वार्ड में एक महिला पुलिस वालंटियर बनाई जाती है,  जो महिलाओं के विरूद्ध अपराध के संबंध में कार्रवाई में सहायता करती है। इन महिलाओं को  एक हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। इस योजना की चर्चा उस बैठक में तो हुई, लेकिन इसके परिणाम कितने सार्थक रहे यह बैठक में कोई नहीं बता सकता। इसके बाद यह तय किया गया कि पुलिस मुख्यालय इस योजना को लेकर पूरी जानकारी एकत्र करेगा, इसके बाद  इस योजना को लेकर प्रजेंटेशन दिया जाएगा। उसके बाद ही यह तय होगा कि योजना प्रदेश में लागू करना है या नहीं।

केंद्र सरकार की यह योजना देश के अधिकांश राज्यों में लागू नहीं है। पुलिस मुख्यालय सबसे पहले यह पता कर रहा है कि देश के किन राज्यों में यह योजना लागू हैं। यह पता करने के बाद एक टीम उन राज्यों के अफसरों से बातचीत कर इस योजना का मैदान असर पता करेगी। यदि मैदान में इसका असर बेहतर दिखा तभी प्रदेश में इस योजना को लागू किये जाने पर विचार किया जाएगा।

इस योजना को अभी लागू नहीं किया जा रहा है। जिन राज्यों में यह योजना चल रही है, उसकी स्टडी करने के बाद ही इस योजना को प्रदेश में शुरू करने को लेकर विचार किया जाएगा।
प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव, एडीजी महिला शाखा

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