नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए मंगलवार को हुई वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की बैठक में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने NCR के जिलों में सभी लोगों के लिए वर्क फ्रॉम होम नीति लागू करने, निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाने और कुछ उद्योगों को बंद करने की सिफारिश है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की बैठक में हमने दिल्ली-एनसीआर में वर्क फ्रॉम होम नीति लागू करने और कुछ उद्योगों को बंद करने का सुझाव दिया है। दिल्ली के प्रदूषण संकट से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली के सभी स्कूलों को एक सप्ताह के लिए बंद करने, निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाने और सरकारी कर्मचारियों के लिए ‘वर्क फ्रॉम होम’ सहित कई आपातकालीन उपायों की घोषणा की थी। गोपाल राय ने पत्रकारों से कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के दल सोमवार को कई स्थान पर पहुंचे और यह देखा कि उपायों को लागू किया गया है या नहीं। उन्होंने पाया कि निर्माण कार्य राके दिए गए हैं।

  SC ने सोमवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को एक संयुक्त बैठक करने का निर्देश दिया था। मंगलवार को पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों ने इस बैठक में हिस्सा लिया। राय ने कहा कि बैठक में, दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ‘वर्क फ्रॉम होम’ (डब्ल्यूएफएच) नीति लागू करने और उद्योगों को बंद करने का सुझाव दिया। अन्य राज्यों ने भी अपने विचार रखे, हम आयोग की आधिकारिक अधिसूचना का इंतजार कर रहे हैं। गोपाल राय ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान को और 15 दिन के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। राय ने लाल बत्ती पर गाड़ी का इंजन बंद करने की इस पहल को 18 नवंबर को समाप्त होना था, लेकिन सरकार ने अभियान को 19 नवंबर से तीन दिसंबर तक, 15 दिन और बढ़ाने का फैसला किया है। करीब 2,500 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को 100 चौराहों पर तैनात किया गया है जो लोगों को ट्रैफिक सिग्नल पर उनकी कार का इंजन बंद कर देने के महत्व के बारे में जागरूक बनाएंगे। स्वयंसेवक सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक और फिर दोपहर दो बजे से रात आठ बजे तक दो शिफ्ट में तैनात रहते हैं। मंत्री ने कहा कि लोग घरों से काम कर रहे हैं, लेकिन फिर भी सड़कों पर गाड़ियां दिखती हैं। गाड़ी चलाते वक्त कोई व्यक्ति औसतन 10 से 12 चौराहे पार करता है और करीब 30 मिनट तक ईंधन बिना कारण जलता रहता है। हम इसे घटाने के लिए कदम उठा सकते हैं। 

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