वॉशिंगटन : अमेरिका के 18 शक्तिशाली सांसदों के द्विदलीय समूह ने कथित तौर पर अभिव्यक्ति और अपने धर्म को मानने की आजादी पर अंकुश लगाने वाले कदमों और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों के लिए चीन की निंदा की. सीनेटर चक ग्रास्ली ने शुक्रवार को कहा, ‘‘चीन के कुछ सरकारी अधिकारियों द्वारा धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार गलत है और इन्हें रोकना चाहिए.’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोग चाहे जहां भी रहे वे अपनी धार्मिक मान्यताओं को आजादी से अभिव्यक्त करने में सक्षम हों. चूंकि हम व्यापार और बौद्धिक संपदा के मुद्दों पर चीन के साथ काम कर रहे हैं तो हमें धार्मिक आजादी के लिए लड़ाई को चीन के साथ अमेरिका के संबंधों का मुख्य हिस्सा बनाने की भी जरूरत है.’’

सीनेटर डेविड पेर्डयू ने आरोप लगाया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी धर्म पर हिंसक कार्रवाई कर रही है और माओ की सांस्कृतिक क्रांति की याद ताजा करने वाले हथकंडे अपना रही है. उन्होंने कहा, ‘‘बाइबिल जलाने और ईसाइयों के चर्च ध्वस्त करने से लेकर हजारों उइगर मुसलमानों की नजरबंदी तक चीनी सरकार अपने लोगों को आतंकित कर रही है. अमेरिका को इन बेहद खराब मानवाधिकार उल्लंघनों की निंदा करनी चाहिए.’’

इस संबंध में सीनेट में लाए गए प्रस्ताव में चीन में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और अभिव्यक्ति एवं धर्म को मानने की आजादी पर अंकुश लगाने के कदमों की निंदा की गई. प्रस्ताव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से चीन में धार्मिक अल्पसंख्यकों की आजादी को बढ़ावा देने के लिए उचित कदम उठाने का अनुरोध किया गया.

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