भिण्ड। बद्रीप्रसाद बगिया मे चल रहे तीन दिवसीय श्री 1008 जिनेन्द्र महाअर्चना एवं विश्वशान्ति महायज्ञ के अवसर पर राष्ट्रसंत विहर्ष सागर महाराज ने कहा कि जिसके जीवन मे गुरू नहीं उसका जीवन शुरू नही प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन मे एक गुरू अवश्य बनाना चाहिए क्योकि गुरू ही हमे सद्मार्ग का रास्ता दिखाते है। पूर्व काल मे राजा महाराजा भी कोई निर्णय लेना होता था तो मंत्री मंडल के सलाह एवं राजगुरू के निर्णय के बाद ही फैसला करते थे और वो सही रास्ता बताते थे।
राष्ट्रसंत ने आगे कहा कि पहली बार जब मैं अपने गुरूवर गणाचार्य विराग सागर महाराज से मिला तो न जाने उस दिन मुझे क्या हो गया कि नजरों से नजरे मिली जिन्दगी भर का फैसला हो गया। ग्रहस्थ जीवन मे मां पूछती थी कि क्या बनना है तब हमेशा यही देखता था कि बेगुनाह पिट रहा है तो थानेदार बनू, पढ़ाई के क्षेत्र मे देखता तो सोचता कि प्रोफेसर बन जाऊ जहां जैसी आवश्यकता देखता वहां वैसा ही बनकर लोगों की सेवा करने का मन करता तभी गुरूवर से मुलाकात हुई तो गुरूदेव से कहा कि प्राणी मात्र के लिए सहयोग करना चाहता हॅू कि एक दूसरे के प्रति प्रेम हो इसे पूरा करू तभी इस पथ आने का मन बन गया और तब से आज तक जैन दर्शन के सिद्धांतों से प्रत्येक जीव के कल्याण के लिए धार्मिक आयोजनांे के माध्यम से लोगांे के अन्धकार मय जीवन में प्रकाश करने के लिए देश के कोने कोने में धर्म की गंगा बहा रहा हूॅ।
मंच पर विराजमान मुनि वीर सम्राट सागर महाराज, मुनि विहसंत सागर महाराज, मुनि विजयेश सागर महाराज, ब्र. विशल्य भारती भैया जी ने अपने विचार व्यक्त किए।
महाअर्चना के समापन पर हुआ विश्वशांति महायज्ञ एवं हवन
जिनेन्द्र महाअर्चना के समापन के अवसर पर प्रतिष्ठाचार्य अजीत शास्त्री, महेन्द्र शास्त्री द्वारा प्रातःकाल श्री जी का अभिषेक पूजन एवं शांति धारा का आयोजन किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम में यज्ञनायक एवं भक्तों द्वारा हवन कुंड में 108 अर्घ चड़ाकर भक्ति भाव से पूजा अर्चना की।
विराग सागर महाराज की जयंती पर अष्ट द्रव्य से हुई पूजा
गणाचार्य विराग सागर महाराज की 54वी जन्म जयंती राष्ट्रसंत विहर्ष सागर महाराज, मुनि वीर सम्राट सागर महाराज, मुनि विहसंत सागर महाराज, मुनि विजयेश सागर महाराज, ब्र. विशल्य भारती भैया जी के ससंघ सानिध्य मे भक्तो द्वारा अष्ट द्रव्य से भक्ति के साथ नृत्य करते हुये आठ अर्घ्य चडाकर गणाचार्य की जन्म जयंती मनाई गई। इस अवसर पर राष्ट्रीय विराग मंच, पार्श्वनाथ युवा संगठन, बहु मण्डल की कार्यकर्ता बढी संख्या मे उपस्थित थे।
जिलाधीश एवं पुलिस अधीक्षक का हुआ सम्मान
राष्ट्रसंत विहर्ष सागर महाराज के ससंघ सानिध्य मे चल रहे तीन दिवसीय कार्यक्रम के समापन के अवसर पर पधारे जिलाधीश इलैया राजा टी ने कहा कि आज बड़े ही पुण्य का दिन है कि हमें मुनिराजों के दर्शन मिलें संतों के आर्शीवाद एवं मार्गदर्शन से हमेशा शुभ कार्यों देखने को मिलते है मैं इस मंच के माघ्यम से सभी को यही संदेश देना चाहता हॅू कि नगर स्वच्छ बने लोग ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करें। पुलिस अधिक्षक नवनीत भसीन ने कहा कि संतों के प्रवचनों में सदमार्ग छिपे रहते है। जिन्हें प्रत्येक व्यक्ति को समझने की जरूरत है आज जन आकाक्षाओं को देखते हुए हमारे सामने लक्ष्य रख दिये जिसमंे कहीं न कहीं विकाश के बिन्दु छिपे है।
कार्यक्रम में पधारे जिलाधीश महोदय एवं पुलिस अधिक्षक का समाज द्वारा पगड़ी एवं माला पहनाकर सम्मान किया।

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