उज्जैन। कानपुर के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। उज्जैन के महाकाल के मंदिर से गिरफ्तार किए गए गैंगस्टर विकास दुबे के मामले में उज्जैन एसपी मनोज सिंह ने पूरा खुलासा किया है।

एसपी मनोज सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे 8 जुलाई को देर रात नौ बजे राजस्थान परिवहन बस से अलवर पहुंचा। जहां से वह बाबू ट्रेवल्स की बस से झालवाड़ होते हुए सुबह 3 बजकर 58 मिनट पर नाना खेड़ा बस स्टैंड उज्जैन पंहुचा था, जिसके बाद विकास ने ऑटो किया और सबसे पहले शिप्रा नदीं गया और फिर महाकाल मंदिर पहुंचा।

इससे पहले उसने ठहरने के लिए दो-तीन होटल्स में पूछताछ की, लेकिन किसी होटल में उसे बुकिंग नहीं मिली। विकास दुबे महाकाल दर्शन के लिए जिस दुकान पर फूल और प्रसाद खरीदने गया उसी दुकानदार सुरेश कन्हार ने उसे देखा और पुलिस को सूचित किया।

इसके बाद पुलिस ने विकास दुबे को धर दबोचा। एसपी मनोज सिंह ने इसे उज्जैन पुलिस की बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में अभी और जांच जारी है। एसपी ने बताया कि उज्जैन में विकास दुबे को किसी ने भी सरंक्षण नहीं दिया। शहर में विकास दुबे का कोई लिंक नहीं मिला।

एसपी मनोज सिंह ने कहा कि यूपी पुलिस की प्रेस नोट में लिखी बातें निराधार हैं। उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे को अभिरक्षा में लेकर यूपी पुलिस के हवाले किया है। उन्होंने बताया कि महाकाल मंदिर के निर्गम द्वार पर विकास दुबे को दबोचा लिया गया था। इससे पहले भी वह कई बार महाकाल दर्शन के लिए उज्जैन आ चुका था।

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