ग्वालियर। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के भिण्ड जिले के गोहद अनुभाग में स्थानातंरित होकर आए नए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) आरए प्रजापति की सेवा के लिए गोहद तहसीलदार ममता शाक्य ने 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक हर रोज दो पटवारी और चार कोटवारों की ड्यूटी लिखित आदेश निकालकर लगा दी। साथ ही इस आदेश को उनके ऑफिस कानूनगो ने राजस्व विभाग गोहद वॉट्सएप ग्रुप पर डाल दिया। मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा तो स्वयं तहसीलदार शाक्य ने उक्त आदेश त्रुटिपूर्ण होने की बात कहते हुए तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की पोस्ट डाल दी।
हालांकि तब तक मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच चुका था। शुक्रवार को भिण्ड के अपर कलेक्टर (एडीएम) एके चांदिल इसकी जांच करने गोहद पहुंचे। सोमवार, 15 अक्टूबर को कलेक्टर छोटे सिंह ने डिप्टी कलेक्टरों के मध्य कार्य विभाजन किया। इसके तहत डिप्टी कलेक्टर आरए प्रजापति को गोहद एसडीएम की जिम्मेदारी दी गई।
आरए प्रजापति ने अपना कार्यभार ग्रहण करने के बाद गोहद जल संसाधन विभाग के रेस्ट हाउस में अस्थायी रूप से रहने लगे। गोहद तहसीलदार ममता शाक्य ने उनकी सेवा के लिए 16 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक प्रतिदिन दो पटवारी और चार कोटवारों की ड्यूटी रेस्ट हाउस पर लगा दी। साथ ही इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी आरआई (राजस्व निरीक्षक) को दे दी। आदेश वॉट्सएप ग्रुप पर आने के बाद कलेक्टर छोटे सिंह ने एडीएम एके चांदिल को जांच के आदेश दिए।
गोहद एसडीएम आरए प्रजापति ने आज यहां बताया कि ऐसा कोई आदेश नहीं निकाला गया। यह सिर्फ एक षड्यंत्र है। कोई भला इस तरह का आदेश क्यों निकालेगा। मैं तो एक चौकीदार तक को नहीं रखता हूं। मैं खुद जनता का चौकीदार हूं।
मामला अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद तहसीलदार गोहद ममता शाक्य ने बताया कि नए एसडीएम साहब आए हैं। इसलिए मैंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए पटवारियों का रोस्टर प्लान का आदेश निकाला था। रेस्ट हाउस पर व्यवस्था संबंधी आदेश मेरा नहीं है।
गोहद अनुभाग के पटवारी अमित पाल ने बताया कि आदेश के मुताबिक मेरी 16 अक्टूबर को ड्यूटी थी। आदेश उसी दिन वॉट्सएप ग्रुप पर आया था। लेकिन मैंने शाम को देखा था। इसलिए मैं जा नहीं पाया। हालांकि अगले दिन ग्रुप पर ही वह आदेश निरस्त हो गया।
भिण्ड कलेक्टर छोटे सिंह ने आज यहां बताया है कि भिण्ड जिले के गोहद का यह मामला संज्ञान में आया है। प्रथमदृष्टया सामने आया है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की फीडिंग के लिए एसडीएम ने प्रतिदिन की रिपोर्ट देने के लिए कहा था। इसी दौरान एक ही नंबर से दो आदेश निकाले गए, जिसमें एक निरस्त होना बताया जा रहा है। एक ही नम्बर से 2 आदेश निकालने व बाद में एक आदेश निरस्त करने का मामला गंभीर है। मामले की जांच के आदेश दिए गए है।