भोपाल।     जल संसाधन विभाग के द्वारा ली गई कम्प्यूटर और इंटरनेट की विभागीय परीक्षा कों 35 कार्यपालन और सहायक यंत्री पास नहीं कर सके। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि इन 49 कार्यपालन और सहायक यंत्रियों को यह परीक्षा पास करने के लिए शासन ने दो बार मौका दिया था। बावजूद इसके अधिकांश इंजीनियर इस परीक्षा में फेल हो गए।
कम्प्यूटर और इंटरनेट की परीक्षा केवल 5 कार्यपालन यंत्री और 7 सहायक यंत्री ही पास कर सके। राज्य सरकार ने परीक्षा में अनुत्तीर्ण और अनुपस्थित रहने वाले कार्यपालन और सहायक यंत्रियों की वर्ष 2013 की लिखी जाने वाली गोपनीय चरित्रावली में इस जानकारी को टीप दर्ज करने के मुख्य, अधीक्षण और कार्यपालन यंत्रियों को निर्देश दिए हैं। जानकारी के अनुसार जल संसाधन अभियंत्रिकी तथा भौमिकी सेवा (राजपत्रित) भरती नियम 1968 के प्रावधान के तहत इंजीनियरों के लिए अगले उच्चतर पद पर पदोन्नति के लिए कम्प्यूटर तथा इंटरनेट उपयोग करने का ज्ञान आवश्यक अर्हता है। इसके लिए विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है। कम्प्यूटर तथा इंटरनेट उपयोग की अर्हता परखने के लिए इस साल 17 फरवरी, 23 फरवरी और 24 फरवरी को विभागीय परीक्षा आयोजित की गर्ई थी। लेकिन इस विभागीय परीक्षा में कुछ अधीक्षण और कार्यपालन यंत्री फेल हो गए थे और कुछ अनुपस्थित थे, इसलिए शासन ने निर्णय लिया था कि अनुत्तीर्ण और अनुपस्थित रहने वाले कार्यपालन और सहायक यंत्रियों को एक अवसर प्रदान किया जाए। यही कारण है कि इस साल 17 मार्च को एक बार फिर कम्प्यूटर और इंटरनेट की परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में 49 कार्यपालन और सहायक यंत्रियों को शामिल होना था। लेकिन 25 सहायक और कार्यपालन यंत्री इस विभागीय परीक्षा में दोबारा मौका मिलने के बावजूद शामिल नहीं हुए, जिसमें 13 कार्यपालन और 12 सहायक यंत्री शामिल हैं। जबकि 24 में से 8 कार्यपालन यंत्री और 2 सहायक यंत्री कम्प्यूटर और इंटरनेट की परीक्षा में फेल हो गए।

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