धार  ।     कलेक्टर श्री सी.बी. सिंह ने आम मंगलवार 29 जनवरी 2013 को अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय कुक्षी में जन सुनवाई की तथा मौके पर उपस्थित अधिकारियों से प्रकरणों का निपटारा करवाया। उन्होने जन सुनवाई के बाद विकासखण्ड कुक्षी, निसरपुर व डही के अधिकारियों की बैठक भी ली। इसके पूर्व कलेक्टर श्री सिंह ने एकलव्य आदर्श आवासीय शासकीय कन्या शिक्षा परिसर उमावि कुक्षी में पहुँचकर छात्रावासों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा छात्रावास की व्यवस्थाओं के संबंध में छात्राओं से चर्चा भी की। इस अवसर पर एसडीएम कुक्षी श्रीमती रेखा राठौर, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग श्री नीलेश रघुवंशी, परियोजना प्रशासक श्री चौहान तथा अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।
कलेक्टर श्री सिंह को जन सुनवाई में बडवानियां की महिलाओं ने वर्ष 2011 में सिंचाई विभाग द्वारा बनवाए गए निस्तारी तालाब के निर्माण में मजदूरी का भुगतान न किए जाने की समस्या से अवगत कराया। उन्होने कार्यपालन यंत्री सिंचाई विभाग से चर्चा कर 15 दिवस के भीतर समस्या का हल कराने का आश्वासन दिया। जन सुनवाई में जनपद पंचायत निसरपुर की ग्राम पंचायत सुसारी के सरपंच द्वारा सुसारी में पानी की समस्या के हल के लिए जोबट नहर से जमुना जलाशय व फुटला तालाब में पानी भरवाए जाने का अनुरोध किया। इस संबंध में कार्यपालन यंत्री जोबट परियोजना से चर्चा कर कार्यवाही का आश्वासन दिया। जन सुनवाई में पड़ियाल ग्राम की तीन महिलाओं ने बीपीएल राशन कार्ड बनवाए जाने का अनुरोध किया। इस संबंध में कार्यवाही हेतु पात्रता का परीक्षण करा लेने के निर्देश सीईओ जनपद पंचायत कुक्षी को दिए। इसके अलावा अम्बाडा, तलवाडा, लोंगसरी मार्ग पर स्थित पुलिया के दुरस्तीकरण, बरसाती पानी के रास्ते को खुलवाने, सेवानिवृत्ति के बाद स्वत्तों का भुगतान, ऋणपुस्तिका दिलवाने, इलाज के लिए सहायता, विकलांग पेंशन आदि से संबंधित भी आवेदन प्राप्त हुए। जिनके निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
कलेक्टर श्री सिंह ने जन सुनवाई के बाद अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें कुक्षी सब डिविजन में फीडर सेपरेशन कार्य की समीक्षा की तथा फीडर सेपरेशन कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होने विद्युत आपूर्ति की स्थिति तथा बिजली बकाया वसूली की भी समीक्षा की। बैठक में उपस्थित तीन विकासखण्डों के बीईओ, बीआरसी को निर्देश दिए कि वे स्कूलों व छात्रावासों के निरीक्षण में कौताही न बरते और अपनी जिम्मेदारियों का ठीक ढंग से निवर्हन करे। छात्रावासों की व्यवस्थाओं को भी देखे, छात्रावास परिसर में अधीक्षक/अधीक्षिकाएं आवश्यक रूप से निवास करे, छात्रावासों में भोजन मीनू के अनुसार बने, छात्र-छात्राओं को कम्बल, चादर पर्याप्त संख्या में मिले व साफ-सफाई की व्यवस्था अच्छी हो। उन्होने कहा कि भ्रमण के दौरान यदि किसी छात्रावास या स्कूल में व्यवस्थाएं ठीक नही पाई गई, तो संबंधित बीईओ/बीआरसी की जवाबदेही तय करते हुए कार्यवाही की जाएगी। बैठक में परिवार कल्याण कार्यक्रम, रबी उपार्जन हेतु किसानों के पंजीयन की स्थिति, विभिन्न प्रकार की पेंशनों के भुगतान की स्थिति, निर्माण एजेन्सियों द्वारा सड़कों की मरम्मत, भवनों के निर्माण तथा ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की भी समीक्षा की। उन्होने तहसील कार्यालय, उप कोषालय तथा उप पंजीयक कार्यालय का भी अवलोकन किया।
इससे पूर्व कलेक्टर श्री सिंह प्रातः 10.00 बजे एकलव्य आर्दश आवासीय शासकीय कन्या शिक्षा परिसर उमावि कुक्षी में पहुंचे तथा विद्यालय की छात्रावास में रहने वाली कक्षा 06 से 12 वीं तक की छात्राओं से छात्रावास की व्यवस्थाओं के संबंध में चर्चा की तथा छात्रावासों की समस्याओं को जाना। बाद में उन्होने विद्यालय के प्राचार्य व शैक्षणिक स्टॉफ के साथ बैठक भी की। उन्होने विद्यालय के परिणाम तथा छात्रावास की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होने कहा कि अध्यापक अपने विषयों की पढ़ाई पर ध्यान दे। उनके परफोर्मेंस का मूल्यांकन उनके विषय की परीक्षा परिणाम के आधार पर किया जाएगा। छात्रावास की व्यवस्थाओं के सुधार हेतु वर्तमान अधीक्षिका को हटाने तथा परिसर के 04 छात्रावासों के लिए अलग-अलग 04 वार्डन नियुक्त किए जाने के निर्देश सहायक आयुक्त आदिवासी को दिए। इनमें श्रीमती सारिका शर्मा, उमा शर्मा, अनुराधा मालवीय तथा अंतिमबाला गुप्ता शामिल है। छात्रावास में भोजन की गुणवत्ता के सुधार के लिए मेस संचालक को फटकार लगाई तथा मीनू अनुसार भोजन दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होने यह भी कहा कि मेस में बनने वाले भोजन के निरीक्षण के लिए छात्रावास अधीक्षिकाओं की बदल-बदल कर ड्यूटी लगाई जावे। साफ-सफाई व्यवस्था न होने की शिकायत छात्राओं द्वारा की जाने पर 03 चौकीदार श्री रेमानसिंह, रामसिंह व नेहला को हटाने के निर्देश दिए। परियोजना प्रशासक श्री चौहान को माह में दो बार छात्रावासों के निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को देखने के निर्देश दिए। साथ ही छात्राओं को दी जाने वाले सुविधाओं में सुधार हेतु स्कूल के प्राचार्य को निर्देशित किया।

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