भोपाल | मध्यप्रदेश के कटनी जिले में शराब ठेकेदारों की मदद करके राज्य सरकार को नुकसान पहुंचाने पर जबलपुर लोकायुक्त द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद जिलाधिकारी (कलेक्टर) प्रकाश जांगड़े को पद से हटा दिया गया है। उन्हें अब भोपाल स्थित मंत्रालय में उप-सचिव के पद पर पदस्थ कर दिया गया है। ज्ञात हो कि गुरुवार को जबलपुर लोकायुक्त ने जांगड़े और आबकारी अधिकारी आर.सी. त्रिवेदी सहित तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इनके खिलाफ पद के दुरुपयोग व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज हुआ है।

राज्य के मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर जांगड़े को पद से हटाने का आदेश दिया है। उनकी मंत्रालय में उप-सचिव पद पर पदस्थापना आगामी आदेश तक के लिए है। कटनी जिले में वर्ष 2016-17 के लिए शराब के ठेके हुए, प्रशासन ने कुछ ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए उनसे बगैर अमानत राशि जमा कराए, उन्हें ठेके चलाने की अनुमति दे दी। इन ठेकेदारों ने लाइसेंस फीस भी अदा नहीं की। ठेकेदारों ने एक से 25 अप्रैल तक दुकानें चलाईं, इससे सरकार को लगभग छह करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है।

जिले में इस वर्ष शराब ठेके की नीलामी प्रक्रिया के दौरान ठेकेदारों ने केनरा बैंक की 34 डीडी (डिमांड ड्राफ्ट) जमा की थी। इसमें से 13 डीडी पर आबकारी विभाग के खाते में पांच करोड़ रुपये भी पहुंच गए। बाद में बैंक ने 21 डीडी की राशि जारी नहीं की, उसे इन डीडी में गड़बड़ी की आशंका हुई, जो जांच में फर्जी पाई गई। इतना ही नहीं, बैंक ने पूर्व में जारी राशि भी आबकारी विभाग से वापस मांगी।

केनरा बैंक ने भुगतान पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इस मामले में दोनों पक्षों बैंक और आबकारी विभाग ने अलग-अलग थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।लोकायुक्त के पुलिस अधीक्षक पी.वी. शुक्ला ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि इस मामले को लोकायुक्त ने स्वयं संज्ञान में लेते हुए जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच के आधार पर जिलाधिकारी जांगड़े व आबकारी अधिकारी त्रिवेदी और शराब ठेकेदार बंसी प्रसाद शुक्ला के खिलाफ गुरुवार को मामला दर्ज किया गया। निविदा प्रक्रिया की समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी व सचिव आबकारी अधिकारी हैं।

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