भोपाल ! मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संकट की घड़ी में किसानों की आंख में आंसू नहीं आने देंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसानों को हरसंभव मदद उपलब्ध करवाने की आवश्यक व्यवस्थायें की जायें, ताकि किसानों को अधिकतम सहायता और सुविधायें तत्काल दी जा सकें। श्री चौहान आज कृषि, राजस्व, सहकारिता, ऊर्जा और वित्त विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। श्री चौहान कहा कि किसानों को राहत उपलब्ध कराने के लिये परंपरागत व्यवस्थाओं के साथ ही व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ न्यायोचित राहत उपलब्ध कराई जाये। राहत के आवश्यक नवाचार भी किये जायें। उन्होंने कृषि, राजस्व, सहकारिता, ऊर्जा और वित्त विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वे इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर आगामी कृषि केबिनेट में प्रस्तुत करें, जिससे उनका शीघ्र क्रियान्वयन किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष सोयाबीन और दलहन फसलों की उत्पादकता में अभूतपूर्व कमी हुई है। इससे किसानों को समय पर राहत उपलब्ध करवाने के लिये कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किये जायें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से राहत के लिये मेमोरेन्डम तत्काल भेजा जाये। मेमोरेन्डम राजस्व, कृषि और वित्त विभाग द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया जाये। उन्होंने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्युत के अस्थाई कनेक्शन लेने वाले किसानों को राहत उपलब्ध करवाने की संभावनायें खोजें। सहकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को वित्तीय मदद उपलब्ध करवाने के लिये पर्याप्त वित्तीय गतिशीलता बढ़ाने के आवश्यक उपाय किये जाये। उन्होंने विद्युत आपूर्ति की निरंतरता सुनिश्चितता करने के लिये कहा। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को सूखे की स्थिति के व्यावहारिक आकलन के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस बार वर्षा के आधार पर आंकलन व्यावहारिक नहीं होगा। इस दिशा में नवाचार के साथ कार्य किये जायें।
बैठक में मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, अपर मुख्य सचिव वित्त ए.पी. श्रीवास्तव, कृषि उत्पादन आयुक्त पी.सी. मीणा, प्रमुख सचिव राजस्व के.के. सिंह. प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव सहकारिता अजीत केसरी, प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मनु श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.के.मिश्रा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
किसानों को राहत देने खर्च में कटौती का फैसला
राज्य सरकार द्वारा सूखा प्रभावित खरीफ फसल के किसानों को समुचित राहत उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से कार्यालय व्यय एवं परामर्श सेवाओं संबंधी बजट में कटौती और शासकीय वाहनों की खरीदी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है। सरकार ने यह निर्णय किसानों को राहत देने के लिए अतिरिक्त, वित्तीय संसाधनों की तत्काल जरूरत पडऩे के कारण लिया है। अपर मुख्य सचिव वित्त ए.पी. श्रीवास्तव ने जानकारी दी है कि उद्देश्य शीर्ष-22 कार्यालय व्यय में वित्तीय वर्ष 2014-15 में हुए वास्तविक व्यय की सीमा तक वर्ष 2015-16 के लिए बजट आवंटन सीमित किया गया है। इसी तरह उद्देश्य शीर्ष परामर्शी सेवा के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 में हुए वास्तविक व्यय की सीमा तक 2015-16 में उपलब्ध करवाये गए बजट आवंटन को सीमित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2015-16 की शीर्ष अवधि में उद्देश्य शीर्ष-23 में वाहनों का क्रय तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है।