श्योपुर ! मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में कुपोषण से हो रही बच्चों की मौत का हाल जानने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार को पीडि़त परिवारों के बीच पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार को कुपोषण पर श्वेत-पत्र जारी करने की बजाय जिम्मेदारों पर कार्रवाई करनी चाहिए। सिंधिया ने रविवार को कराहल एवं विजयपुर ब्लॉक में कुपोषण के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर प्रभावितों से मिले। इस इलाके के गोलीपुरा गांव में कुपोषण से 18 बच्चों की मौत हुई है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह गोलीपुरा में 12 बच्चों की मौत की बात खुद स्वीकार कर चुके हैं।
सिंधिया ने विजयपुर में पोषण केंद्र एवं अस्पताल का दौरा कर कुपोषण से पीडि़त बच्चों एवं उनके परिजनों से मुलाकात की और अपनी संवेदना व्यक्त की। उनके साथ विधायक रामनिवास रावत भी थे। सिंधिया ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, 21वीं सदी में हमारे प्रदेश में इस तरह की घटनाएं हम सभी के माथे पर कलंक हैं। प्रदेश सरकार दावा करती रही है कि कुपोषण मिटाने के लिए करोड़ों रुपये प्रति माह खर्च किए जा रहे हैं। यदि ये सच है तो ये करोड़ों रुपये कहां जा रहे हैं, इसकी जांच हो। उन्होंने कहा, आज सरकार द्वारा कुपोषण के मुद्दे पर श्वेत-पत्र लाने की बात की बात कर रही है, लेकिन हम मांग करते हैं कि श्वेत-पत्र के बजाय जो लोग भी इसके लिए जिम्मेदार हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
सिंधिया ने कहा कि ये समय चिंतन का नहीं, बल्कि कार्रवाई का है। जब मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री पूर्व में ही स्वीकार कर चुके हैं कि श्योपुर में जिन 12 बच्चों की मौत हुई है, उनका कारण कुपोषण रहा है तो ऐसी स्थिति में सरकार को कागजी कार्रवाई के बजाय इस समस्या के त्वरित निदान के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा, जो बच्चे हमारे इस देश का भविष्य हैं, उनके स्वास्थ्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ न हो, इसके लिए स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को सरकार सख्त निर्देश दे, ताकि मध्यप्रदेश को कुपोषण के दंश से मुक्त किया जा सके।