ग्वालियर। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा को जोडने के लिए भिण्ड जिले के अटेर में चंबल नदी पर 67 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे पुल पर कार्य करने वाले कर्मचारी और इंजीनियरों में अभी भी भय व्याप्त हैं। प्लांट पर हमला करने वाले अभी भी पुलिस की पकड से काफी दूर होने के कारण एक दर्जन इंजीनियर फिलहाल काम छोडकर अपने घर चले गए है। बिहार की नारायण दास कन्स्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर जितेन्द्र कान्द्रू ने बताया कि भय के कारण 15 इंजीनियर फिलहाल वापस अपने घर चले गए हैं। प्लांट पर हमला करने वाले जब पकड लिए जाऐंगे जो वापस गए इंजीनियरों को वापस काम पर बुला लिया जाएगा। इंजीनियरों के जाने से काम भी प्रभावित हो रहा है। चंबल नदी पर बनने वाले 18 पिलर्स में से 16 तैयार हो गए और 17 वें पर काम अब धीमी गति से चल रहा है।
चंबल नदी पर बन रहे पुल पर हथियारबंद बदमाशों द्वारा किए गए हमले और इंजीनियर सुशांत मिश्रा का अपहरण करने की धमकी से प्लांट पर कार्य करने वाले काफी भयभीत हैं। प्लांट पर हमले के बाद हालांकि उनकी सुरक्षा के लिए एसएएफ का सुरक्षा गार्ड लगाया गया है लेकिन हमलावर नहीं पकडे जाने से कर्मचारियों में भय है।
पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह ने बताया कि चंबल पुल पर कार्य करने वालों की सुरक्षा के लिए पुलिस गार्ड लगाया गया है। हमलावरों को पकडने के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया है।

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