मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान की सीमा को जोडने बाले चम्बल के बीहड की निगरानी के लिये पुलिस के डेढ दर्जन से अधिक सशस्त्र जवानों को तैनात करने की योजना पुलिस अधीक्षक भिण्ड ने बनाई है।
उक्त जवान सादा वर्दी में बीहड में तैनात किये जायेगें जो ऐसे अपराधियों पर निगाह रखेगें जो अपराध करके बीहडों में शरण पाते है। पुलिस अधीक्षक भिण्ड अनुराग कुमार ने चम्बलरेंज के पुलिस महानिरीक्षक एस.डब्ल्यू. नकबी को लिखे पत्र में कहा है कि चम्बल के 25 हजार हेक्टयर में फैले बीहड में निगरानी के लिये 20 जवानों को बीहड में उतारकर ऐसे अपराधियों पर निगाह रखेगें जो बारदातों को अंजाम देकर वहां आश्रय लेते है।
चम्बल के बीहड बदमाशों की सुरक्षित शरण स्थली माने गये है। उत्तरप्रदेश के आगरा जिले के खेरा राठौर गांव के निवासी आजादी के पूर्व के दस्यु सरगना मानसिंह, डमरु ने चम्बल के बीहड में ही शरण ली थी। पुतलीबाई, लोकमन दीक्षित, मोहरसिंह, तहसीलदार सिंह, फूलनदेबी, मलखान सिंह, जगजीवन परिहार, सलीम गुर्जर, निर्भय गुर्जर अरविन्द गुर्जर कुसुमा नाइन,सीमा परिहार पानसिंह इसी बीहड में अपना आतंक बरपाते रहे थे।
चम्बलरेंज के पुलिस महानिरीक्षक एस. डब्ल्यू नकबी ने आज यहां बताया कि उत्तरप्रदेश, राजस्थान और यहां के स्थानीय बदमाश जो लूट, हत्या, डकैती, अपहरण जैसी संगीन बारदातों को अंजाम देकर बीहड में अपना आश्रय बना लेते है अब उन्हें बीहड में नहीं रहने दिया जायेगा।
पुलिस अधीक्षक का पत्र उन्हें मिला है जिसमे उन्होंने 20 जवानों का अतिरिक्त बल मांगा है। अतिरिक्त पुलिसबल के लिये पुलिस मुख्यालय को स्वीकृति के लिये लिखा गया है। स्वीकृति मिलते ही जवानों को बीहड में उतारा जायेगा। वैसे भिण्ड जिले में अब एक भी सूचीबद्ध दस्यु गिरोह नहीं है।
पूरे प्रदेश में भिण्ड जिला ऐसा है जहां सबसे अधिक बारंटी है। भिण्ड जिले में कुल 4 हजार 222 बारंटी है जिसमें 2 हजार 341 स्थायी तथा 1 हजार 881 अस्थायी बारंटी है। इसमें 114 इनामी बदमाश है जिन पर 5 सौ रुपये से लेकर 17 हजार 500 रुपये तक का इनाम है।