भिण्ड। भिण्ड जिले में भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथा पर तमाम प्रयासों के बाद भी अंकुश नहीं लग पा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लडकियों को न मारा जाये और उनकी संख्या बढाने के लिये जन जागरण
यात्रा भिण्ड के रावतपुरा धाम और दतिया के मा पीताम्बरा पीठ पर पूजा अर्चना से शुरु की है। लेकिन भिण्ड में लडकियों को मार देने की कुप्रथा आज भी अनवरत रुप से जारी है।


भिण्ड के एडीशनल एसपी जयदेवन ने आज यहां बताया कि जिले के नयागांव थाना क्षेत्र के ग्राम लक्ष्मणपुरा निवासी सुरेन्द गोयल की पत्नी श्रीमती गीता गोयल के पेट में 5 माह का गर्भ था। श्रीमती गीता गोयल गर्भवती होने के कारण पति-पत्नी में झगडा होता रहता था। सुरेन्द गोयल अपनी पत्नी को जबरन गांव से भिण्ड लाया और एक प्राइवेट चिकित्सालय में कार्य करने बाली नर्स श्रीमती शीला ओझा के घर ले गया। जहां अर्ध रात्रि को उक्त नर्स ने गीता गोयल को गर्भपात की गोलिया खिलाने के बाद तीन इंजेक्शन भी लगा दिये। तभी अध्यक्ष महिला कांग्रेस ग्रामीण श्रीमती सरोज जोशी ने पुलिस को लिखित में सूचना दी कि एक महिला का जबरन गर्भपात किया जा रहा है। पुलिस उक्त नर्स के घर पहुची तो महिला को गर्भपात की सभी दवायें दी जा चुकी थी। गीता गोयल को पुलिस ने भिण्ड के शासकीय जिला चिकित्सालय के प्रसूति बार्ड में दाखिल करा दिया। जहां उसने एक कन्या को जन्म दिया जिसकी मौत हो गर्इ। पुलिस ने बताया कि मेडीकल रिपोर्ट में यह बात सामने आर्इ है कि नवजात शिशु की मौत गर्भपात की दवाइयों की वजह से हुर्इ थी। पुलिस ने नर्स शीला ओझा के घर से भारी मात्रा में गर्भपात से संबंधित दवार्इयां और उपकरण जप्त किये है। पुलिस का कहना है कि नर्स के घर की तलाशी और सिथति को देखते हुये ऐसा प्रतीत होता है कि यह नर्स लम्बे समय से गर्भपात का काम कर रही थी। पुलिस इसकी गम्भीरता से जाच कर रही है।
भिण्ड देहात थाना पुलिस ने मेडीकल रिपोर्ट और गीता गोयल के बयान पर उसके पति सुरेन्द गोयल और नर्स श्रीमती शीला ओझा के खिलाफ भू्रण हत्या का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है।

भिण्ड जिले में यह पहली हत्या नहीं है इसी वर्ष 30 जून को गोहद थाना क्षेत्र के ग्राम खरौआ में एक नवजात कन्या की हत्या कर दी गर्इ थी जिस पर पुलिस ने एक माह बाद हत्या का मामला दर्ज किया था। खरौआ गांव के सरपंच रामअखितयार सिंह गुर्जर ने बताया कि भिण्ड जिले में भ्रूण हत्याओं का काम आज भी सरेआम हो रहा है प्रशासन और पुलिस सूचना देने बाले का कतर्इ सहयोग नहीं करती। उन्होंने खरौआ गांव में मौत के घाट उतारी गर्इ नवजात कन्या की हत्या की सूचना दी थी उसका खामियाजा आज भी उठाना पढ रहा है। वह चार माह से गांव नहीं जा पा रहे है पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था उसमें से पुलिस ने अभी एक आरोपी बंटी गुर्जर को ही पकडा है जबकि नवजात कन्या के दादा और चाचा अभी भी फरार है। रामअखितयार गुर्जर ने कहा है कि अगर प्रशासन चाहे तो एक भी कन्या की हत्या नहीं हो सकती लेकिन इसके लिये प्रशासन को र्इमानदारी से प्रयास करने पडेगे। कन्या और भ्रूण हत्या की सूचना देने बाले को प्रशासन सहयोग करे तो इस कुप्रथा पर अंकुश लग सकता है।
भिण्ड जिले में शुन्य से छह वर्ष तक की बेटियों की तादाद बालकों की तुलना में एक हजार पर महज 798 है। जबकि महिला-पुरुष लिंगानुपात 838 है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *