भिण्ड। बेटी बचाने के लिये प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कल से जनजागरण यात्रा की शुरुआत कर दी है लेकिन भिण्ड जिले में कन्याओं की हत्या की कुप्रथा आज भी अनवरत रुप से जारी है। पूरे मध्यप्रदेश में भिण्ड जिला एकमात्र ऐसा जिला है जहां लडकियों की संख्या सबसे कम है। भिण्ड जिले मेंं 1 हजार लडकों पर 838 लडकियां है।
भिण्ड जिले के नयागांव थाना क्षेत्र के ग्राम लक्ष्मण पुरा निवासी सुरेन्द गोयल की पत्नी श्रीमती गीता गोयल 22 वर्ष के पेट में 5 माह का गर्भ था। उसका पति सुरेन्द गोयल कल रात्रि को अपनी पत्नी गीता गोयल को लेकर भिण्ड आया और बरुआ नगर में रहने बाली नर्स श्रीमती शीला के घर ले गया और बहां अपनी पत्नी का गर्भपात करबा रहा था तभी पुलिस को अध्यक्ष महिला कांग्रेस ग्रामीण श्रीमती सरोज जोशी ने लिखित में सूचना दी कि एक महिला का गर्भपात किया जा रहा है। पुलिस ने रात्रि में ही नर्स शीला ओझा और उसका पति मुकेश ओझा को गर्भपात का इंजेक्शन लगाते हुये पकड लिया। पुलिस ने पीडित महिला श्रीमती गीता गोयल को तत्काल भिण्ड के शासकीय जिला चिकित्सालय में दाखिल कराया जहां उसने आज दोपहर एक बालिका को जन्म दिया। जिसकी मौत हो गर्इ। भिण्ड देहात थाना पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर उसका अंतिम परीक्षण कराया तथा मर्ग कायम कर जाच शुरु कर दी है। पुलिस का कहना है कि मेडीकल रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि गर्भ में पल रही बालिका की मौत गर्भपात का इंजेक्शन लगाने के कारण हुर्इ है या अन्य किसी कारण से।
पीडित महिला श्रीमती गीता गोयल का कहना था कि उसका पति सुरेन्द गोयल उससे संबंध विच्छेद करना चाहता था इसलिये वह गांव से जवरदस्ती भिण्ड लाया और उसका गर्भपात करा रहा था तभी पुलिस ने छापा डाल दिया तो नर्स श्रीमती शीला ओझा पति मुकेश ओझा और उसका पति सुरेन्द मौके से भाग गये। श्रीमती गीता गोयल ने बताया कि पुलिस के आने से पहले नर्स शीला और उसके पति मुकेश ओझा ने गर्भपात के लिये उसे तीन इंजेक्शन लगा दिये थे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री लडकियों की संख्या बढाने के लिये तमाम प्रयास कर लें लेकिन यहां लडकियों की हत्या करने की कुप्रथा को रोक पाना संभव नहीं लगता है। जब तक जगह-जगह चल रही अबैध रुप से गर्भपात करने बालों पर कठोरता से प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है।